स्वच्छता पखवाड़ा-2024 : पहले दिन सही जगह का चयन बस स्टैंड गंदगी का अड्डा
उदयपुर। स्वच्छता ही सेवा 2024 पखवाड़े की शुरुआत का स्थान एकदम सटीक चुना गया—केंद्रीय बस अड्डा, जो वर्षों से गंदगी और अव्यवस्था का अड्डा बना हुआ है। यहां न तो नियमित रूप से सफाई होती है और न ही यात्रियों को सुविधाएं मिलती हैं। स्थिति इतनी खराब है कि रात के समय अवैध गतिविधियों का भी यहां अड्डा बन चुका है।
पहले दिन की शुरुआत कलेक्टर अरविंद पोसवाल, नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश, सांसद मन्नालाल रावत, और विधायक फूलसिंह मीणा ने खुद झाड़ू लगाकर की। इन अधिकारियों ने खुद इस स्थान की अव्यवस्थाओं को अपनी आंखों से देखा। परंतु सवाल यह है कि क्या इस पहल से रोडवेज प्रशासन की लापरवाही पर कोई प्रभाव पड़ेगा या यह केवल औपचारिकता बनकर रह जाएगी?
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि अगले 15 दिनों तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, शहरवासियों को इस कार्यक्रम की वास्तविकता का सामना करना पड़ा जब बस स्टैंड पर सफाई के बावजूद वहां की अव्यवस्था जस की तस बनी रही।
शपथ दिलाई पर कार्रवाई पर सवाल
सांसद मन्नालाल रावत ने लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और हर व्यक्ति को सप्ताह में 2 घंटे श्रमदान के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि यदि हर नागरिक योगदान दे तो देश स्वच्छता में विश्व में अग्रणी हो सकता है। लेकिन क्या शपथ और प्रेरणा पर्याप्त है, या इसके साथ मजबूत प्रशासनिक कदमों की भी जरूरत है?
बस अड्डे का ‘कायाकल्प’ पर सवाल
सफाई अभियान के बाद बस स्टैंड की स्थिति में बदलाव दिखा, परंतु यह ‘कायाकल्प’ कितने समय तक टिकेगा, यह एक बड़ा सवाल है। यह कार्यक्रम केवल कुछ घंटों की सफाई तक सीमित रहा या इसके बाद भी नियमित सफाई और व्यवस्था बहाल रहेगी?
एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत
स्वच्छता के साथ, पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया गया। मोहनलाल सुखाड़िया समाधि उद्यान में “एक पेड़ मां के नाम” के तहत पौधारोपण कार्यक्रम भी हुआ।
आगामी कार्यक्रमों पर नजर
स्वच्छता पखवाड़े के दूसरे दिन यानी बुधवार को जिला कलेक्टर कार्यालय से मानव श्रृंखला एवं साइक्लोथोन रैली का आयोजन किया जाएगा।
स्वच्छता पखवाड़ा का यह अभियान जनभागीदारी और प्रशासन की साझेदारी से आगे बढ़ा, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह केवल दिखावे का अभियान न बनकर वास्तविक परिवर्तन लाता है या नहीं।
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