उदयपुर। आयड़ नदी सौंदर्यीकरण को लेकर चल रहे कार्यों की प्रगति देखने तथा नदी पेटे में हो रहे अतिक्रमण को चिन्हित करने के लिए किए जा रहे सीमांकन की वस्तुस्थिति जानने के लिए बुधवार को जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने शहर विधायक ताराचंद जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ आयड़ नदी क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान सीमांकन के दायरे में आ रहे कब्जों को हटाने की हिदायत दी।
उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, जिला कलक्टर पोसवाल, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, एसडीएम गिर्वा रिया डाबी, एसीईओ स्मार्ट सिटी कृष्णपालसिंह चैहान सहित नगर निगम, यूडीए और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों की टीम के साथ लेकसिटी मॉल के समीप आयड़ पुलिया पर पहुंचे। यहां उन्होंने लेकसिटी मॉल से सेवाश्रम छोर पर चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की टीम ने नदी पेटे में उतर कर पूर्व में दिए गए निर्देशानुसार किए जा रहे सीमांकन की वस्तुस्थिति देखी। अधिकारियों ने नदी पेटे के दायरे में आ रहे चिन्हित कब्जा का अवलोकन कराया। विधायक जैन ने अतिक्रमणों को जल्द से जल्द हटवाकर नदी का मूल स्वरूप लौटाने की पैरवी की।
निष्पक्ष कार्रवाई का दिलाया भरोसा
संयुक्त टीम ने किनारे बसी कॉलोनी में जाकर नदी सीमांकन के चिन्ह देखे। लोगों के अपने मकानों के पट्टे होने की बात कहने पर जिला कलक्टर ने वैध दस्तावेज दिखाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होने का आश्वासन दिया। विधायक जैन ने सुभाषनगर रपट के पास नदी के बहाव क्षेत्र में स्थित भवनों के पट्टे निरस्त करने की सिफारिश नगर निगम आयुक्त से की। आयुक्त ने नियमानुसार कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जिला कलक्टर ने सभी तथ्यों का अध्ययन करते हुए सीमांकन पूर्ण कर जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
यह भी रहे मौजूद
निरीक्षण के दौरान नगर निगम निर्माण समिति अध्यक्ष आशीष जोशी, सचेतक भरत जोशी, पार्षद मुकेश शर्मा, पूर्व पार्षद नाना लाल वया व महेश भावसार, नगर निगम अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी सहित निगम, यूडीए और स्मार्ट सिटी के अधिकारी मौजूद रहे।
1 फरवरी को किया था संयुक्त दौरा
उल्लेखनीय है कि आयड़ नदी सौंदर्यीकरण को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। गत दो माह में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त टीम ने नदी क्षेत्र का तीन बार दौरा किया। गत 1 फरवरी को जिला कलक्टर व जनप्रतिनिधियों के निरीक्षण के दौरान आयड़ नदी पेटे में लगातार अतिक्रमण किए जाने से नदी की चैड़ाई सिकुड़ने की बात सामने आई थी। इस पर जिला कलक्टर ने एसडीएम गिर्वा के नेतृत्व में कमेटी गठित कर नदी पेटे का सीमांकन कराने के निर्देश दिए थे।
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