उदयपुर कलक्टर ने भारी वाहनों के शहर में प्रवेश के संबंध में जारी किये निर्देश, शहर के विभिन्न चौराहों पर दुर्घटनाओं रोकने की पहल

उदयपुर। उदयपुर शहर में यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने एवं भारी वाहनों से दुर्घटना की संभावनाओं को कम करने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार पोसवाल ने एक अधिसूचना जारी कर शहर में भारी वाहनों के प्रवेश के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

कलक्टर ने बताया कि उदयपुर शहर में पुराना बाईपास बलीचा चौराहे से भुवाणा चौराहा वाया प्रताप नगर चौराहा, चित्रकूट नगर एवं देबारी चौराहे से प्रताप नगर चौराहे के इर्द-गिर्द शहर विस्तार के कारण आवासीय कॉलोनियां बन गई हैं, जिससे इस मार्ग पर छोटे यातायात के साधनों का भार बढ़ गया है एवं भारी वाहनों के आवागमन के कारण दुर्घटनाओं की सम्भावना बनी रहती है। वर्तमान में उक्त मार्ग के बेहतर विकल्प के रूप में काया से देबारी तक नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग 76 (छः लेन बायपास) का कार्य पूर्ण होकर उस पर यातायात सुचारू रूप से प्रारम्भ हो चुका है एवं अम्बेरी से देबारी राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (चार लेन बायपास) निरन्तर एवं निर्बाध संचालित है।

इस संबंध में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 एवं राजस्थान मोटर यान 1990 के नियम 8.1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उदयपुर के मार्ग काया से अम्बेरी वाया बलीचा चौराहा प्रताप नगर चौराहा चित्रकूट नगर भुवाणा चौराहे तक एवं देबारी चौराहे से प्रतापनगर चौराहे तक पर समस्त प्रकार के भारी वाहनों जिनकी लदान क्षमता 2.5 मेट्रिक टन या अधिक हो, के प्रवेश संबंधित व्यवस्थाएं इस अधिसूचना के जारी होने की दिनांक सहित एक माह की अवधि तक के लिए लागू की गई हैं। इसके तहत उदयपुर शहर में काया से अम्बेरी वाया बलीचा चौराहा प्रताप नगर चौराहा – चित्रकूट नगर भुवाणा चौराहे तक एवं देबारी चौराहे से प्रताप नगर चौराहे तक पर उक्त प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रतिषिद्ध एवं निर्बन्धित रहेगा। इस निषिद्ध मार्ग पर केवल वे भार वाहन जिन्हें उदयपुर शहर में ही आना है, का प्रवेश उक्त निषिद्ध अवधि में भी अनुमत रहेगा। यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगी।

इस पहल का उद्देश्य शहर के महत्वपूर्ण चौराहों पर दुर्घटनाओं को रोकना और यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना है। उम्मीद है कि इससे शहरवासियों को बेहतर और सुरक्षित यातायात अनुभव मिलेगा।

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