
उदयपुर। मुस्लिम महासंघ द्वारा परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर एक सद्भावना यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य शांति और आपसी भाईचारे का संदेश फैलाना था। महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दानिश अली ने बताया कि शहीद अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अद्वितीय साहस दिखाते हुए अपनी जीप से शक्तिशाली अमरीकी पेटेंट टैंक को नष्ट किया था। उनकी वीरता और बलिदान को याद करते हुए इस यात्रा में शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

यात्रा का शुभारंभ कोर्ट चौराहे से हुआ, जहां बाबा अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संविधान बचाने की शपथ ली गई। वक्ताओं ने देश के लिए शहीद हुए वीरों की कुर्बानी का जिक्र करते हुए कहा कि आज कुछ ताकतें देश को बांटने की कोशिश कर रही हैं। कॉमरेड राजेश सिंघवी ने महासंघ की इस पहल को शहर में आपसी भाईचारे को मजबूत करने वाला कदम बताया। बामसेफ के बाबूलाल घावरी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में मुसलमानों, सिखों और दलित समाज के लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी, और आज इन्हें हाशिए पर धकेला जा रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार हिम्मत सेठ ने शहीद अब्दुल हमीद की वीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी कहानी देशप्रेम और बलिदान का प्रतीक है। प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद हनीफ ने वर्तमान समय में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे आपसी विश्वास और सद्भावना को बल मिलेगा।

संभागीय अध्यक्ष तोकीर रज़ा ने मुस्लिम महासंघ की इस पहल की सराहना की और युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें। पार्षद हिदायतुल्ला मंसूरी ने मांग की कि शहीद अब्दुल हमीद के शहादत दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाए और शहीदों के बलिदान को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि युवाओं में देशप्रेम की भावना बढ़े।

इस अवसर पर मुस्लिम महासंघ के कई वरिष्ठ सदस्य और शहर के विभिन्न समुदायों के लोग उपस्थित रहे।





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