फोटो ; कमल कुमावत
उदयपुर की राजनीति में एक ऐसा नाम था, जिसे न सिर्फ उसके कार्यकाल में, बल्कि बाद में भी याद किया जाता था – स्व. किरण माहेश्वरी। एक ऐसी शख्सियत, जिनके कार्यों ने न केवल उनके क्षेत्र को बल्कि उदयपुर को भी नई दिशा दी थी। लेकिन आज वही शहर, जिसने उन्हें राजनीति के शिखर तक पहुंचाया, उन्हें भुला चुका है। उनके काम, उनकी नीतियां, और उनका स्वभाव, आज भी लोगों के दिलों में गूंजते हैं, लेकिन उनके जाने के बाद का यह मौन, सवालों से भरा है।
जहां से शुरू हुआ था सफर उनका, वही शहर चुप है,
गली-गली में जो बसी थी उनकी सूरत, वही शहर दूर है।
क्या हम भूल गए हैं उनकी सियासत की राहों को,
या फिर, उनके बाद उनकी विरासत को निभाने वाला कोई नहीं है।
स्वर्गीय किरण माहेश्वरी ने जब उदयपुर की राजनीति में कदम रखा था, तो लोगों के दिलों में उनकी जगह बनानी आसान नहीं थी। पार्षद से लेकर सांसद बनने तक, उन्होंने शहर के हर हिस्से में अपनी मेहनत और सेवा से एक नया मानक स्थापित किया। उनका कार्यक्षेत्र सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि जनता से जुड़ी समस्याओं के समाधान में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया।
शहर के दिल में बसी थी उनकी यादें,
हर कदम, हर लम्हा था जन सेवा से भरा।
पर आज उनकी चुप्प है, उनके नाम का सूरज गुम है,
क्या वक्त की धुंध में, सब कुछ मद्धम है?
यद्यपि स्व. किरण माहेश्वरी के योगदान को लोग भूले नहीं हैं, पर उनकी यादों को संजोने का कोई खास प्रयास नहीं किया गया। यहां तक कि उनके परिवार और करीबी भी अब उनके नाम को जीवित रखने में पीछे हटे हैं। शायद उनकी अनुपस्थिति ने ही यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या सचमुच उनकी विरासत को संभालने वाले कोई हैं, या फिर यह सब महज राजनीतिक खेल था?
उनके हाथों में जो था शहर का सपना,
आज वही तितर-बितर है, कोई नहीं उन्हें चाहता।
क्या यही है सियासत की हकीकत,
निशानियाँ बदलती हैं, और लोग फिर भी मौन रहते हैं।
एक दिन पहले राजसमंद में आयोजित हवन-अनुष्ठान और श्रद्धांजलि सभा ने उनके योगदान को याद किया, लेकिन उदयपुर में उनका नाम अब लोगों के बीच नहीं गूंजता। फिर भी, उनका नाम उन लोगों के दिलों में हमेशा रहेगा, जिन्होंने उनके कामों को देखा, समझा और सराहा।
वो यादें कभी नहीं जाएंगी,
क्योंकि वो एक आइना थीं, सियासत का।
उन्हें भुलाने की कोशिशें की जाएंगी,
पर उनका काम, उनका व्यक्तित्व हमेशा जिंदा रहेगा।
स्व. किरण माहेश्वरी एक ऐसी नेता थीं, जिन्होंने अपनी राजनीति में हर वर्ग और समुदाय के लिए कार्य किया। उनकी नीति और कार्यप्रणाली में जनता की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता थी। उनका नेतृत्व समाज के हर हिस्से के लिए था, और यही उनकी विशेषता थी। अगर उनका जिक्र किया जाए, तो ऐसे लोगों को शर्मिंदा होना पड़ सकता है। किरण माहेश्वरी के कामों का मूल्य और उनका योगदान लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेगा, भले ही बाहर से कोई उन्हें भूल जाए।
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