
बोलीं- लोक संगीत को सहेजना बेहद जरूरी
उदयपुर। बॉलीवुड सिंगर इला अरुण उदयपुर यात्रा पर पहुंचीं। इस दौरान फतहसागर झील किनारे होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में उनकी आत्मकथा पुस्तक ’परदे के पीछे ’का विमोचन किया गया।
प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा एहसास-वुमेन ऑफ उदयपुर के सहयोग से पुस्तक विमोचन समारोह में पुस्तक की लेखिका इला अरुण, सह लेखिका अंजुला बेदी, चर्चित नाट्य निर्देशक भानु भारती, कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया,स्वाति अग्रवाल आदि अतिथियों ने पुस्तक ’परदे के पीछे’ का विमोचन किया। समारोह में अतिथियों का स्वागत स्वाति अग्रवाल ने किया।
समारोह में गायिका इला अरुण ने अपने जीवन के कई संस्मरण साझा किए । सह लेखिका अंजुला बेदी ने पुस्तक की विषय वस्तु के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम में शामिल हुए उनके फैंस के सवालों के जवाब भी दिए।
इला ने कहा कि -आज के तड़क-भरे संगीत के बीच परंपरागत लोक संगीत को सहेजना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस दिशा में प्रयास किए है जिसमें वे सफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इस किताब उनके बचपन से लेकर वर्तमान तक के जीवन के बारे में लिखा है।
उन्होंने कहा कि पुस्तक में मंच पर और मंच के पीछे अपने जीवन व अनुभवों की झलक साझा की है। कार्यक्रम में रिद्धिमा दोशी, कनिका अग्रवाल सहित शहर के कई पुस्तक प्रेमी और उनके फैंस आदि मौजूद थे।
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