नारायण सेवा संस्थान का 44वां सामूहिक दिव्यांग व निर्धन युवाओं का विवाह महोत्सव : परंपरा और संस्कारों के बीच 51 जोड़े बंधेंगे पवित्र बंधन में

उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान द्वारा सामाजिक समरसता और मानवीय सेवा की मिसाल कायम करते हुए आगामी 30-31 अगस्त को 44वां दिव्यांग एवं निर्धन युवक-युवती निःशुल्क सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस बार विभिन्न राज्यों से आए 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधकर जीवन की नई शुरुआत करेंगे।

यह आयोजन संस्थान के लियों का गुड़ा, उदयपुर स्थित सेवा महातीर्थ परिसर में होगा। समारोह की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न समितियां गठित की गई हैं—जिनमें अतिथि स्वागत-सम्मान, वर-वधू व अतिथि पंजीयन, आवास एवं भोजन, यातायात, सुरक्षा व चिकित्सा, परिवहन, मंच व्यवस्था, पारंपरिक विधि, पाणिग्रहण संस्कार और उपहार वितरण शामिल हैं।

इस दो दिवसीय विवाह महोत्सव में देश भर से करीब डेढ़ हजार अतिथि भाग लेंगे। वर-वधू और उनके परिजनों का उदयपुर आगमन 28 अगस्त से आरंभ होगा।

संस्थान अध्यक्ष ने कहा—“यह सामूहिक विवाह केवल एक सामाजिक आयोजन नहीं, बल्कि उन अनगिनत परिवारों के लिए जीवन का सुनहरा पर्व है, जिनके लिए विवाह जैसे संस्कार का सपना देखना भी कठिन था। यहाँ हर दुल्हन का लिबास, हर दूल्हे का सेहरा और हर जोड़े की मुस्कान—संस्थान की सेवा भावना और समाज की करुणा का सजीव प्रमाण होगी।”

नारायण सेवा संस्थान बीते चार दशकों से निर्धन और दिव्यांगजनों के जीवन में नई रोशनी और आत्मनिर्भरता का संचार करता आ रहा है। इस सामूहिक विवाह परंपरा ने न केवल सामाजिक समानता को बल दिया है बल्कि करुणा और सहयोग की भारतीय संस्कृति को भी मजबूत किया है।

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