
नगर निगम परिसर में तीन दिवसीय नेशनल ट्राईबल फूड फेस्टिवल का शुभारंभ
उदयपुर। पर्यटकों का स्वर्ग मानी जाने वाली झीलों की नगरी उदयपुर इन दिनों देश भर के पंरपगरात जनजाति व्यंजनों की खुश्बू से सुवासित हो रही है। नगर निगम परिसर में कहीं चूल्हे पर मिट्टी के बर्तनों में दाल-सब्जी पक रही हैं, तो कहीं ढाक के पतों के बीच मक्की के पानिये पक रहे हैं। रागी, कोदरा, वटी जैसे मोटे अनाजों के व्यंजनों और महुआ के फुलों के ढोकले और लड्डू का चटकारा मिल रहा है तो बांस की सब्जी चखने के लिए होड़ सी मच रही है।
यह सभी दृश्य नगर निगम परिसर में बुधवार से शुरू हुए तीन दिवसीय नेशनल ट्राईबल फूड फेस्टिवल – 2025 में देखने को मिल रहे हैं। जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष के तहत देश भर में विविध आयोजन हो रहे हैं। इसी क्रम में उदयपुर में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान मेंश्तीन दिवसीय नेशनल ट्राईबल फूड फेस्टिवल का शुभारंभ बुधवार को नगर निगम परिसर में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विशिष्ट अतिथि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन एवं उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा रहे। फेस्टिवल में राजस्थान सहित देश के 7 राज्यों से जनजाति समाज के पाक कलाकार भाग लेकर अपने-अपने क्षेत्र के विशिष्ट परंपरागत जनजाति व्यंजन तैयार कर प्रदर्शित कर रहे हैं। फेस्टिवल में प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क है। आमजन स्टाल्स पर अपनी पसंद कें हिसाब से खाद्य सामग्री खरीद कर उसका लुत्फ उठा सकते हैं। आयोजन स्थल पर व्यंजनों का आनंद लेने के लिए डाइनिंग एरिया की भी व्यवस्था रखी गई है।
व्यंजनों के स्वाद के साथ सांस्कृतिक संगम का सुअवसर है ट्राइबल फूड फेस्टिवल – बाबूलाल खराड़ी
नेशनल ट्राईबल फूड फेस्टिवल – 2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि यह फेस्टिवल व्यंजनों के स्वाद के साथ सांस्कृतिक संगम का भी सुअवसर है। इसके माध्यम से लोग एक दूसरे की संस्कृति को जान सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। इसी क्रम में यह आयोजन हो रहे हैं।
केबिनेट मंत्री ने पारंपरिक खान-पान का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों का भोजन और दिनचर्या स्वास्थ्यवर्धक थी, इसलिए लोग बीमार कम होते थे, लेकिन अब खान-पान में आए बदलाव और विकृतियों के चलते स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें ज्यादा होने लगी हैं। उन्हांने परंपरागत खाद्य प्रणाली को अपनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नेशनल ट्राईबल फूल फेस्टिवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करते हुए इन विविधताओं को एक सूत्र में पिरोने का मंच भी सिद्ध होगा। उद्घाटन समारोह को विधायक तारांचद जैन ने भी संबोधित किया। प्रारंभ में टीआरआई निदेशक ओपी जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की जानकारी दी। कार्यक्रम में जनजाति बालिकाओं ने नृत्य, गीत आदि की प्रस्तुतियां भी दी। समारोह में टीएडी उपायुक्त कृष्णपालसिंह चौहान, जितेंद्र पाण्डे, निदेशक सांख्यिकी सुधीर दवे सहित अधिकारी एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए पाक कलाकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी टीएडी डॉ अमृता दाधीच ने किया। केबिनेट मंत्री खराड़ी सहित अतिथियों ने विभिन्न स्टाल्स का अवलोकन कर प्रदर्शित व्यंजनों के बारे में जानकारी ली। साथ ही जनजाति पाक कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
इन व्यंजनों का मिल रहा लुत्फ
फूड फेस्टिवल में महाराष्ट्र के महादेव कोली जनजाति के मासवडी, डांगर भाकरी, कड़क माकरी, मध्यप्रदेश से बारेला, बेगा, मलासी जनजाति द्वारा लाल ज्वारी के लड्डू, जंगली मौसंबी भाजी, कुटकी भात, जम्मू कश्मीर से गुज्जर जनजाति द्वारा कद्दू खीर, कुंगी मुकुम, दादर एवं नगर हवेली से माण्डोनी जनजाति द्वारा बेम्बू अचार, नागली रोटी, मोरींगा भाजी, छत्तीसगढ़ से हालना एवं मुरीया जनजाति द्वारा मंडिया रोटी, आमल, चापड़ा चटनी, गुजरात से घोड़िया जनजाति द्वारा नागली से तैयार विभिन्न व्यंजन तथा राजस्थान के विभिन्न जनजाति बहुल जिलों से भील, मीणा, गरासिया एवं सहरिया जनजाति के पाक कलाकारों द्वाना कुलध की घूघरी, मक्के का खींचड़ा, मक्की राब व लापसी, कुआर, किकोड़े की भाजी, बाजरा राब, बाजरी का सोगरा, महुआ के ढेकले, महुआ के लड्डू, पानिया, केर सांगरी (पंचकुटा) इत्यादि व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं।
About Author
You may also like
-
हिन्दी सिनेमा के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर और ‘रोमांस के किंग’ शाहरुख़ ख़ान की कहानी
-
Cambridgeshire Train Stabbings : Inside the 14 Minutes of Terror — And the Heroism That Saved Lives
-
नारायण सेवा संस्थान में तुलसी–शालिग्राम विवाह धूमधाम से सम्पन्न
-
क्रिकेट : भारत की रणनीतिक वापसी, तीसरे टी-20 की 5 विकेट की जीत का विश्लेषण
-
भारतीय कुमावत क्षत्रिय महासभा उदयपुर ने जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, आलोक स्कूल में छेड़छाड़ के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग