दिवाली से पहले खुशखबरी : HDFC Bank ने घटाई ब्याज दरें, होम और पर्सनल लोन की EMI होगी सस्ती

त्योहारी सीज़न में उधारकर्ताओं को राहत, बैंक ने MCLR में की 15 बेसिस पॉइंट तक की कटौती

नई दिल्ली। दिवाली से पहले देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC Bank ने ग्राहकों को बड़ा तोहफ़ा दिया है। बैंक ने कर्ज पर ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन और बिज़नेस लोन लेने वालों की ईएमआई (EMI) में कमी आने वाली है। यह फैसला उन करोड़ों लोगों के लिए राहत लेकर आया है, जो बढ़ती ब्याज दरों के दबाव से जूझ रहे थे।

एमसीएलआर (MCLR) में 15 बेसिस पॉइंट तक की कटौती

बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 15 बेसिस पॉइंट (0.15%) तक की कटौती की है। संशोधित दरें 23 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगी। बैंक के अनुसार, यह बदलाव अलग-अलग टेन्योर वाले लोन पर लागू रहेगा।

 

बैंक ने बताया कि फ्लोटिंग रेट लोन वाले ग्राहकों को सबसे अधिक लाभ होगा क्योंकि उनकी ब्याज दरें सीधे एमसीएलआर से जुड़ी होती हैं। यानी, यह कदम मौजूदा और नए दोनों प्रकार के उधारकर्ताओं के लिए राहत भरा साबित होगा।

EMI में कितनी राहत मिलेगी?

मान लीजिए किसी ग्राहक ने ₹50 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है। ब्याज दर में 0.15% की कमी आने से हर महीने लगभग ₹450-₹600 तक की EMI कम हो सकती है। लंबी अवधि के कर्ज़ों में यह अंतर और अधिक राहत देगा।

एमसीएलआर क्या है और क्यों ज़रूरी है?

एमसीएलआर वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज देते हैं। यह प्रणाली भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2016 में शुरू की थी ताकि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में पारदर्शिता लाई जा सके।

एमसीएलआर तय करने के दौरान बैंक निम्न कारकों को ध्यान में रखते हैं:

फंडिंग की लागत (Cost of Funds)

रेपो रेट और मार्केट लिक्विडिटी

परिचालन लागत

टेन्योर प्रीमियम

इस प्रणाली से यह सुनिश्चित होता है कि उधारकर्ताओं से अनुचित या अत्यधिक ब्याज न लिया जाए और रेपो रेट में कमी का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचे।

बैंक का कहना — “फंडिंग कॉस्ट में स्थिरता से मिली राहत”

एचडीएफसी बैंक ने कहा कि ब्याज दरों में यह कटौती फंडिंग कॉस्ट और बाजार दरों में हालिया स्थिरता को देखते हुए की गई है। बैंक की वर्तमान होम लोन दरें 7.90% से 13.20% के बीच हैं, जो ग्राहक की प्रोफाइल, सिबिल स्कोर और लोन की अवधि पर निर्भर करती हैं।

बैंक के प्रवक्ता के अनुसार,

“त्योहारी सीज़न में उपभोक्ता मांग बढ़ाने और ग्राहकों को राहत देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इससे क्रेडिट ग्रोथ में भी सकारात्मक रुझान आएगा।”

त्योहारी सीज़न में बैंकिंग सेक्टर की रणनीति

हर साल दिवाली के आस-पास बैंकिंग सेक्टर में कर्ज सस्ते करने की होड़ देखी जाती है। यह वह समय होता है जब उपभोक्ता वाहन, घर और गहनों की खरीद में निवेश बढ़ाते हैं। ब्याज दरों में कमी से न केवल ग्राहकों का बोझ घटता है, बल्कि खुदरा ऋण पोर्टफोलियो में भी तेजी आती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से:

हाउसिंग सेक्टर में नई जान आएगी

ऑटो और कंज्यूमर गुड्स की बिक्री बढ़ेगी

SME सेक्टर को सस्ता लोन मिलने से निवेश में बढ़ोतरी होगी

ग्राहकों के लिए सुझाव

मौजूदा लोन धारक अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं ताकि उन्हें नई एमसीएलआर दरों का लाभ जल्द मिले।

फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहकों को तब तक राहत नहीं मिलेगी जब तक वे फ्लोटिंग रेट विकल्प में शिफ्ट न करें।

होम लोन ट्रांसफर करने वाले ग्राहकों के लिए यह सही समय है क्योंकि ब्याज दरों में गिरावट का सीधा लाभ मिल सकता है।

अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

एचडीएफसी बैंक का यह कदम न केवल ग्राहकों के लिए राहत भरा है, बल्कि व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक संकेत है कि दरें स्थिर होने लगी हैं। यदि अन्य बैंक भी इस दिशा में कदम उठाते हैं, तो अगले कुछ महीनों में:

कंजम्प्शन डिमांड (Consumption Demand) में इज़ाफा

रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन

और क्रेडिट ग्रोथ में सुधार देखने को मिल सकता है।

निष्कर्ष

त्योहारी मौसम में जब हर घर में नई खरीदारी और निवेश की योजना बनती है, ऐसे में HDFC Bank का यह फैसला करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय राहत का तोहफ़ा साबित हो सकता है। कम ब्याज दरों के चलते न केवल ईएमआई घटेगी बल्कि अर्थव्यवस्था में उपभोग (Consumption) और वित्तीय गतिशीलता (Financial Activity) को भी नई गति मिलेगी।

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