उदयपुर। असम के राज्यपाल महामहिम गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को अपना शहर के लोगों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। कटारिया ने अपने राजनीतिक जीवन को उदयपुर की जनता के नाम समर्पित करते हुए कहा कि आप लोगों के प्यार ने ही मुझे राजनीति में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने भाषण में संवैधानिक मर्यादा को बनाए रखा।
कटारिया के जन्मदिन पर ज्यादा बीजेपी के ही नेता व कार्यकर्ता थे। इनमें भी ज्यादा उत्साह टिकट पाने वाले दावेदारों में था। इन दावेदारों के बीच जैसी दौड़ व होड़ इस बार देखी वो पहले कभी नहीं देखी। इस दौड़ में दावेदारों ने झुकने की, नजदीक पहुंचने की, तारीफों के पुल बांधने की, खुद को अति करीब बताने की।
यह सब इसलिए किया गया क्योंकि आने वाली उम्मीदवारों की सूची में किसी तरह उनका नाम आ जाए। दावेदार काम करके ही खुद को बेहतर बताने के प्रयास में रहे, लेकिन उनके समर्थकों ने अपने नेताओं की महामहिम के सामने सिफारिश कर दी।
दावेदारों को कटारिया के राजनीति की तरीका मालूम है, इसके बावजूद वे अपने असफल प्रयास करते रहे। असफल शब्द इसलिए इसेतमाल किया गया है क्योंकि टिकट तो एक ही को मिलना है। बाकी सब की स्थिति तो सामान्य कार्यकर्ता जैसी होगी। कटारिया के प्रति शहर की जनता का प्रेम तो कायम रहेगा, लेकिन टिकट फाइनल होने के बाद क्या गारंटी कि ये दावेदार महामहिम के प्रति इतना ही प्रेम रखेंगे।
जो लोग भी कटारिया से उम्मीद लगाए बैठे हैं उन्हें यह जान लेना चाहिए कि कटारिया के राजनीतिक जीवन में किसी भी तरह का कोई दाग नहीं है। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। यह बात उनके विरोधी भी बोलते हैं। अब दावेदार अपने गिरेबान में झांक कर देख लें। आप खुद को तो ईमानदार बोल सकते हो, लेकिन क्या आम जनता में आपकी ऐसी छवि है।
बहरहाल राजनीति में कब किसका दांव चल जाए, किसी को नहीं मालूम। लोग दिल्ली में अपना टिकट फाइनल करवाकर रवाना होते हैं और घर पहुंचने से पहले निर्णय बदल जाता है। यही सियासत है।
अब आप इन तस्वीरों को देखिए…
Photo : kamal kumawat