चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में रविवार देर रात एक भयावह हादसा हुआ, जिसने एक ही परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। गूगल मैप की गलत लोकेशन पर भरोसा करने की कीमत एक परिवार को इतनी भारी पड़ी कि उनकी वैन बंद पड़ी पुलिया पर जा पहुँची और तेज़ बहाव के साथ बनास नदी में समा गई। इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची अब भी लापता है।
पुलिस के अनुसार, यह हादसा राशमी थाना क्षेत्र के सोमी-उपेरड़ा पुलिया पर रात करीब 1 बजे हुआ। कानाखेड़ा गाँव का परिवार भीलवाड़ा स्थित सवाई भोज मंदिर में दर्शन कर वापस लौट रहा था। रास्ता भटक जाने पर उन्होंने गूगल मैप की सहायता ली। नक्शे ने उन्हें उस पुलिया तक पहुँचा दिया, जो पिछले तीन वर्षों से बंद है।
इसी बीच, मातृकुंडिया डैम के गेट खोले जाने से बनास नदी उफान पर थी और पुलिया के ऊपर पानी बह रहा था। ड्राइवर ने पानी के बीच से वैन निकालने की कोशिश की, लेकिन तेज़ धारा के कारण गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वैन बहकर नदी में गिर गई।
वैन में कुल 9 लोग सवार थे। इनमें से 5 लोग समय रहते वैन की छत पर चढ़कर अपनी जान बचाने में सफल रहे। उन्होंने तत्काल पुलिस और परिजनों को सूचना दी। ग्रामीणों और मछुआरों की मदद से इन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया।
3 शव बरामद, 1 लापता
थानाधिकारी देवेंद्र देवल ने बताया कि हादसे में 4 साल की बच्ची खुशी, उसकी माँ ममता (25) और चंदा (21) की मौत हो गई। तीनों के शव नदी से बरामद कर लिए गए। वहीं, 6 साल की बच्ची रूत्वी अब भी लापता है। पुलिस व गोताखोरों की टीम उसकी तलाश में लगी हुई है।
परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे के बाद कानाखेड़ा गाँव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने यदि इस पुलिया को सही तरीके से बंद कराया होता या स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए गए होते, तो इस तरह का हादसा टल सकता था।
गूगल मैप की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर गूगल मैप की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार मैप पुराने और बंद रास्तों को भी सक्रिय दिखाता है, जिसकी वजह से लोग रास्ता भटक जाते हैं। तकनीक पर आँख मूँदकर भरोसा करना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है।
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