उदयपुर। राजस्थान सरकार की राज्यस्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक दिनांक 19 जून 2024 को माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित कन्वेन्शन हाॅल में राज्य सरकार के आगामी बजट विŸाीय वर्ष 2024-25 के लिए सुझाव /विचार आमन्त्रित किये जाने हेतु आयोजित की गई ।
उपरोक्त बैठक में उदयपुर चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव डाॅ पवन तलेसरा एवं श्री सिद्धार्थ चतुर ने भाग लिया। यू.सी.सी.आई. की ओर से आगामी संशोधित बजट के सम्बन्ध में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार से आगामी बजट में इनका उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार कर उनका समावेश किये जाने का निवेदन किया गया। डाॅ पवन तलेसरा द्वारा निम्न सुझाव प्रस्तुत किये गये:-
पर्यटन सम्बन्धी सुझाव:
(1) महाराणा प्रताप एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोशित किये जाने से उदयपुर में विदेशी पर्यटकों का आगमन सुगम हो सकेगा।
(2) उदयपुर के प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दिये जाने से यहां पर्यटन बढेगा।
(3) उदयपुर के आसपास वन्यजीव अभ्यारण्य एवं नेशनल पार्क का विकास किये जाने से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में ईजाफा होगा।
(4) पर्यटन व्यवसाय को सुगम बनाने हेतु सिंगल विण्डो क्लीयरेन्स स्थापित किया जाये।
(5) धार्मिक पर्यटन को बढावा देने हेतु नाथद्वारा, केसरियाजी एवं शामलाजी को पर्यटन सर्किट से जोडना उचित रहेगा।
(6) नाईट फूड मार्केट की स्थापना से पर्यटन को बढावा मिलेगा।
(7) आयड नदी पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये हैंगिंग ब्रिज का निर्माण करवाया जाये।
माईनिंग सम्बन्धी सुझाव:
(1) मिनरल पाॅलिसी 2017 में खनन क्षेत्र में “नहर“ की परिभाषा को स्पष्ट किया जाये जिससे नहर से माईनिंग एरिया की दूरी स्पष्ट हो सके।
(2) माईनिंग गतिविधि में माईनिंग वेस्ट सबसे बडी समस्या है। यदि इस वेस्ट का उपयोग एम – सेण्ड के निर्माण अथवा अन्य उपयोग में होता है तो इस समस्या का निराकरण सम्भव है। अतः सरकार द्वारा माईनिंग वेस्ट को उपयोग में लेने हेतु स्पष्ट नीति जारी की जाये।
(3) रेयर अर्थ मिनरल्स के उत्खनन हेतु पाॅलिसी का सरलीकरण किया जाये।
(4) खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा मिनरल प्रोसेसिंग इकाईयों के लिये रुपये 25,000/- शुल्क राशि जमा करवाकर विभाग में पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया है। इस अनिवार्यता को समाप्त किया जाना चाहिये।
(5) नई खनन नीति के अनुसार माईनिंग लीज का नवीनीकरण एकमुश्त राशि जमा करवा कर वर्ष 2040 / 90 वर्ष तक किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में यह सुझाव है कि लीज नवीनीकरण की राशि आसान किश्तों में ली जाये।
उदयपुर शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर सम्बन्धी सुझाव:
(1) विजन 2047 के तहत उद्योगों के लिये विद्युत की आवश्यकता निर्धारित करते हुए अनवरत विद्युत सप्लाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
(2) उदयपुर हेतु जीएसएस की क्षमता 400 केवी से ज्यादा की जाये और प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के लिये जीएसएस की क्षमता 220 केवी की जाये।
(3) सीएसआर गतिविधि में सौर उर्जा उत्पादन हेतु स्पष्ट नीति तैयार की जाये।
(4) भीलवाडा की तर्ज पर उदयपुर को भी राजस्थान नहर / चम्बल नदी से जोडकर पीने का पानी उपलब्ध कराया जाये।
(5) उदयपुर के निवासियों की सुविधा हेतु यहां हाई कोर्ट बेन्च की स्थापना की जाये।
आयात निर्यात नीति सम्बन्धी सुझाव:
(1) महाराणा प्रताप एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित करते हुए एक्जिम पाॅलिसी के तहत आयात एवं निर्यात किये जाने वाले उत्पाद के कस्टम्स क्लीयरेन्स की सुविधा शुरु की जाये।
(2) मार्बल एवं ग्रेनाईट आयात नीति पर पुनर्विचार करते हुए इसके निर्बाध आयात को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
(3) राजसिको द्वारा उदयपुर में इनलैण्ड कन्टेनर डिपो स्थापित किया जाये जिससे रिप्स के अंतर्गत फ्रेट सब्सिडी मिल सके।
जीएसटी सम्बन्धी सुझाव:
(1) फैक्ट्री बिल्डिंग में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री पर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रदान किया जाये।
(2) डीजल / पेट्रोल पर निकटवर्ती राज्यों के अनुरुप वेट निर्धारित किया जाये या इन्हें जीएसटी में शामिल किया जाये।
(3) दोहरे जुरीडिक्शन को समाप्त किया जाये।
(4) स्वदेशी मार्बल एवं ग्रेनाईट पर जीएसटी 5 प्रतिशत और आयातित मार्बल एवं ग्रेनाईट पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत निर्धारित की जाए।
(5) होटल रूम किराये पर जीएसटी लागू किये जाने की सीमा का रु. 7,500/- से बढाकर रु. 20,000/- किया जाये।
(6) धारा 16(4) के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने हेतु समय सीमा की बंदिश को समाप्त किया जाये।
(7) लघु सेवा प्रदाओं पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत निर्धारित किया जाए।
(8) जीएसटी हेतु एमनेस्टी स्कीम जारी रखी जाये।
वेट सम्बन्धी सुझाव:
(1) पुरानी डिमाण्ड के निस्तारण हेतु एमनेस्टी स्कीम को 31 मार्च 2025 तक बढाया जाये।
(2) वेट से सम्बन्धित विभिन्न फार्म जमा करवाने तथा आईटीसी वेरिफिकेशन की समय सीमा बढाई जाये।
रीको एवं औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के सम्बन्ध में:
(1) वर्तमान में रीको औद्योगिक क्षेत्रों में कोई भूखण्ड रिक्त नहीं है। अतः मूलभूत सुविधाओं के साथ नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने के साथ-साथ वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार किये जाने की आवश्यकता है।
(2) बेकार पडी भूमि को वेयर हाउस निर्माण हेतु उपयोग में लेने बाबत नीति तय की जाये।
(3) आईटी इण्डस्ट्री के विस्तार हेतु बडे शहरों की तर्ज पर मल्टीस्टोरी आईटी काॅम्पलेक्स को बढावा दिया जाये।
(4) औद्योगिक इकाईयों की विद्युत सप्लाई हेतु सिक्योरिटी डिपाॅजिट एफडी के स्थान पर बैंक गारन्टी स्वीकार की जाये।
यूसीसीआई के डाॅ. पवन तलेसरा एवं श्री सिद्धार्थ चतुर द्वारा प्रस्तुत किये गये विŸाीय वर्ष 2024-2025 के संशोधित बजट हेतु प्रस्तुत प्रतिवेदन को राज्य की औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रगति के लिये सकारात्मक एवं व्यवहारिक बताते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने यूसीसीआई के उक्त सुझावों का राज्य के आगामी बजट में समावेश करने का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री महोदय के अलावा उप मुख्यमंत्री श्रीमति दिया कुमारी, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड, मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं उद्योग सचिव आदि सहित विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठतम अधिकारियो ने भाग लिया।
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