
वाशिंगटन। लुइसियाना – ट्रम्प प्रशासन के देशव्यापी आव्रजन अभियान के तहत लुइसियाना की कुख्यात अंगोला जेल में ‘कैंप जे’ को फिर से खोला गया है। आलोचक इसे बहुत निंदनीय कदम बता रहे हैं क्योंकि इसका इतिहास बहुत ही क्रूर और हिंसक रहा है।
गवर्नर जेफ़ लैंड्री ने हाल ही में आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जेल में “हिंसक अपराधियों” के लिए जगह नहीं थी और उन्हें “कैंप जे में स्थानांतरित” किया जाएगा। यह इकाई, जिसे कैदी अक्सर “कालकोठरी” कहते हैं, पुरुषों को लंबे समय तक एकांत कारावास में रखने के लिए जानी जाती थी।
इस फैसले का विरोध वकीलों और मानवाधिकार समूहों ने किया। रोनाल्ड मार्शल, जिन्होंने कई साल कैंप जे में बिताए, ने कहा, “यह भयानक अनुभव था।”
हालाँकि, अब यह स्पष्ट हुआ है कि कैंप जे को खोलने का उद्देश्य केवल जेल की भीड़ नहीं, बल्कि ट्रम्प प्रशासन की आव्रजन नीति थी। इसे उन आप्रवासी बंदियों के लिए बनाया गया है, जिन्हें सीमा सुरक्षा एजेंसियों (ICE) ने पकड़ा है।
गवर्नर लैंड्री ने कहा, “डेमोक्रेट्स की खुली सीमा नीतियों की वजह से हिंसक अपराधियों के अवैध प्रवेश की अनुमति मिली है। इसमें बलात्कारी, मानव तस्कर और ड्रग डीलर शामिल हैं।”
लेकिन कई अध्ययन बताते हैं कि बिना दस्तावेज़ वाले अप्रवासी आम नागरिकों की तुलना में कम गंभीर अपराध करते हैं।
अंगोला जेल, जिसे ट्रम्प प्रशासन ने “लुइसियाना लॉकअप” कहा है, अमेरिका में अन्य हाई-प्रोफाइल जेलों के बाद खुली है। इसमें 400 से अधिक बंदियों को रखा जा सकता है।
इस जेल का इतिहास भी विवादास्पद है। यह कभी गुलामों के लिए बागान था। 20वीं सदी में यहाँ की कठोर परिस्थितियों और गार्डों के दुर्व्यवहार के कारण इसे देश की सबसे भयानक जेलों में से एक माना जाता था।
होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा कि इसमें केवल “सबसे खतरनाक अपराधियों” को रखा जाएगा। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई राज्यों में इसी तरह की जेलों में भेजे गए लोगों पर कोई गंभीर अपराध का आरोप नहीं था।
कैंप जे का पुनः खुलना और ट्रम्प प्रशासन की यह योजना आव्रजन और जेल नीतियों पर बहस को और तेज कर सकती है।
स्रोत : द गार्जियन
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