यूक्रेन में शनिवार को एक रूसी पत्रकार की मौत हो गई। तीन अन्य के घायल हो गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पत्रकार की मौत की वजह यूक्रेन की ओर से क्लस्टर बम के ज़रिए हमला करना थी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार एक अन्य मामले में जर्मन ब्रॉडकास्टर डॉयचे वेले के मुताबिक एक रूसी हमले में यूक्रेन के अंदर उनके एक पत्रकार घायल हुए हैं। इस हमले में एक यूक्रेनी सैनिक की भी जान गई है। पत्रकार की जान अब खतरे से बाहर है।
बता दें कि हालही यूक्रेन को अमेरिका से क्लस्टर बम की खेप मिली थी, जिसके बाद से ही ये चर्चा में है।
क्लस्टर हथियार बेहद खतरनाक होते हैं। ये लंबे समय तक बिना फटे पड़े रहते हैं। इन्हें नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है, इसलिए दुनिया के 100 से अधिक देशों में इस पर प्रतिबंध हैं।
हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ये भी स्पष्ट किया है कि शनिवार को हुए हमले में क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल की अभी पुष्टि नहीं की जा सकती। यह भी सच है कि यूक्रेन और रूस दोनों युद्ध की शुरुआत से क्लस्टर बम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हमले में मारे गए रूसी पत्रकार की पहचान रोस्तिस्लव झुरावलेव के तौर पर हुई है। वह सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए के वॉर कॉरेसपॉन्डेंट के तौर पर काम कर रहे थे. उनके तीन सहयोगियों को यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व ज़पॉरज़िया इलाके से हो रहे हमलों के बीच से सुरक्षित निकाला गया है।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खरोवा ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, “रूसी पत्रकार के ख़िलाफ़ क्रूर प्रतिशोध के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा भुगतनी होगी। ये ज़िम्मेदारी उन्हें भी भुगतनी होगी जिन्होंने कीएव को क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति की थी”
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