
मुंबई। बॉलीवुड सुपरस्टार अभिनेता सलमान खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं, मगर इस बार वजह कोई नई फिल्म नहीं बल्कि पाकिस्तान सरकार का विवादित फैसला है। पाकिस्तान ने अभिनेता सलमान खान को ‘आतंकवादी’ घोषित कर दिया है। यह फैसला उस बयान के बाद आया है जिसमें सलमान खान ने रियाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बलूचिस्तान को “अलग मुल्क” बताया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने सलमान खान का नाम आतंकवाद-रोधी अधिनियम (Anti-Terrorism Act, 1997) की चौथी अनुसूची में शामिल कर लिया है। यह सूची उन लोगों की होती है जिन पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों या उनसे सहानुभूति रखने का शक होता है। इस सूची में शामिल व्यक्ति की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाती है और उसके पाकिस्तान में प्रवेश या वहां की संस्थाओं से संपर्क पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
पाकिस्तान सरकार के इस कदम ने राजनीतिक और फिल्मी जगत दोनों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र के मंत्री योगेश रामदास कदम ने इसे “हास्यास्पद” और “स्वयं का मज़ाक उड़ाने वाला” बताया। उन्होंने कहा, “सलमान खान न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सम्मानित हस्ती हैं। उनके घर में भगवान गणेश की पूजा भारतीय परंपरा के अनुसार होती है। पाकिस्तान का यह कदम उसकी अपनी विफल नीतियों को छिपाने की कोशिश है। यह फैसला पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है।”
कदम ने तंज भरे लहजे में कहा कि “जब कोई देश अपने वास्तविक आतंकियों पर नियंत्रण नहीं रख सकता, तो वह दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योग के कलाकारों को आतंकवादी बताकर अपनी नाकामी पर पर्दा डालने की कोशिश करता है।”
पाकिस्तान के इस निर्णय की जड़ें सलमान खान के उस बयान में हैं जो उन्होंने रियाद में आयोजित ‘जॉय फोरम 2025’ में दिया था। इस कार्यक्रम में शाहरुख खान और आमिर खान के साथ मौजूद सलमान खान ने कहा था कि “बलूचिस्तान अब एक अलग देश की तरह अपनी पहचान बना चुका है।” पाकिस्तान ने इस बयान को अपनी संप्रभुता पर हमला माना और बौखलाहट में सलमान खान के खिलाफ कार्रवाई कर दी।

अब पाकिस्तान की चौथी अनुसूची में शामिल किए जाने का मतलब है कि सलमान खान की गतिविधियों पर वहां की खुफिया एजेंसियां नजर रखेंगी। उनकी यात्रा पर रोक लग सकती है और भविष्य में उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना भी बनी रहेगी। हालांकि सलमान खान की पाकिस्तान यात्रा को लेकर कोई योजना नहीं रही है, इसलिए इस निर्णय का व्यावहारिक असर नगण्य माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की नाकाम कोशिश का हिस्सा है। बलूचिस्तान में जारी असंतोष और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के बीच पाकिस्तान सरकार चाहती है कि घरेलू मोर्चे पर जनता का ध्यान भटकाया जाए। ऐसे में किसी भारतीय फिल्म स्टार के बयान को मुद्दा बनाना उसके लिए आसान रास्ता है।
भारत में इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर सलमान खान के समर्थन में माहौल बन गया। ट्विटर (एक्स) पर #ISupportSalmanKhan और #PakistanExposed जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए लिखा कि “जब कोई देश अपने असली आतंकियों से निपट नहीं पाता, तो फिल्मी कलाकारों को आतंकवादी घोषित कर देता है।”
इस पूरे विवाद पर अब तक सलमान खान या उनके प्रवक्ता की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, रियाद फोरम के दौरान उनके बयान से यह स्पष्ट था कि वे बलूचिस्तान में मानवाधिकार के मुद्दों को लेकर संवेदनशील हैं। सलमान खान कई बार सामाजिक और मानवीय मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उनकी संस्था ‘बीइंग ह्यूमन’ के माध्यम से वे वर्षों से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते रहे हैं।
दूसरी ओर, सलमान खान की सुरक्षा को लेकर भारत में पहले से ही गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों द्वारा उन्हें बार-बार धमकियां दी जाती रही हैं। इस साल अप्रैल में मुंबई पुलिस को एक धमकी भरा संदेश मिला था जिसमें सलमान खान की कार को बम से उड़ाने और घर में घुसकर हत्या करने की धमकी दी गई थी।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि सलमान खान उनकी “हिट लिस्ट” में थे। गिरोह के सदस्यों ने उनके गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर कई बार रेकी की, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के कारण वे अपने इरादों में नाकाम रहे।
पाकिस्तान के इस विवादित कदम के बीच सलमान खान ने अभिनेता सतीश शाह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर सतीश शाह के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “मैं आपको 15 साल की उम्र से जानता था। आपने अपनी जिंदगी शानदार तरीके से जी। आपकी आत्मा को शांति मिले सतीश जी, आपकी कमी हमेशा खलेगी।” यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और प्रशंसकों ने इसे सलमान खान की भावनात्मक और मानवीय संवेदनाओं का प्रमाण बताया।
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा सलमान खान को आतंकवादी घोषित करना अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि को और कमजोर करेगा। एक वैश्विक फिल्म आइकन को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताना पाकिस्तान की कूटनीतिक परिपक्वता पर सवाल खड़े करता है। भारत सरकार की ओर से अभी तक इस पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि “यह पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में ध्यान भटकाने का एक बचकाना प्रयास है।”
पाकिस्तान में इस कदम का असर वहां की जनता पर कितना होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों पर नकारात्मक असर डाल सकता है। फिल्मी दुनिया को लंबे समय से दोनों देशों के बीच संवाद और शांति के प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन अब राजनीतिक स्वार्थ ने उसे भी विवादों में उलझा दिया है।
पाकिस्तान की चौथी अनुसूची में सलमान खान का नाम शामिल करना न केवल तर्कहीन है, बल्कि यह दर्शाता है कि वहां की सरकार किस हद तक हास्यास्पद फैसले ले सकती है। एक ऐसे अभिनेता को आतंकवादी बताना, जो वर्षों से अपने काम और परोपकार के लिए जाना जाता है, पाकिस्तान की कूटनीति की विफलता को उजागर करता है।
भारत में लोग इसे “राजनीतिक ड्रामा” कहकर खारिज कर रहे हैं। देशभर में सलमान खान को लेकर एकजुटता का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि “सलमान खान भारत की सॉफ्ट पावर का चेहरा हैं, उन्हें आतंकवाद नहीं बल्कि इंसानियत का प्रतीक कहा जाना चाहिए।”
आखिरकार, पाकिस्तान का यह फैसला उसकी अपनी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। जब कोई देश अपने असली संकटों से निपटने में नाकाम रहता है, तो वह ऐसे हास्यास्पद कदम उठाकर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करता है। सलमान खान पर यह कार्रवाई उसी मानसिकता का हिस्सा है — एक ऐसी राजनीति, जो न केवल संकीर्ण है बल्कि आत्म-परिहास में भी डूबी हुई है।
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