उदयपुर। भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने उदयपुर जिला मुख्यालय पर पहली बार एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का कारण एक भाजपा नेता का वायरल ऑडियो था, जिसमें आदिवासी कार्यकर्ताओं को लट्ठ से मारने और उनके घर जलाने की बात कही गई थी। बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में हजारों की भीड़ कलेक्ट्री पहुंची और जोरदार नारेबाजी की। सांसद रोत ने भाजपा सांसद मन्नालाल रावत को इस मामले में जिम्मेदार ठहराया है और पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
सांसद रोत ने बयान देते हुए कहा कि यह ऑडियो कथित तौर पर उदयपुर सांसद रावत की आवाज में है, जिसमें आदिवासी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसक बयान दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता के ऐसे भड़काऊ भाषणों की वजह से हाल ही में लसाड़िया में उनके कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। रोत ने इस प्रकार की मानसिकता को आतंकवाद से भी घातक बताया और कहा कि अगर यह आवाज सच में रावत की है, तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
आदिवासी मुद्दों पर राजनीति का आरोप
सांसद रोत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी तानाशाही रवैया अपनाकर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म और जाति के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं को विकास के मुद्दों पर काम करना चाहिए, न कि धर्म की आड़ में विभाजनकारी राजनीति करनी चाहिए। जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री को आदिवासी क्षेत्रों की असल समस्याओं का अंदाजा नहीं है और वे धर्म और राजनीति के चश्मे से वास्तविकता को देख रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि उदयपुर और आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की कथित नीतियों और नेताओं के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है।
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