उदयपुर में ट्रैम्पोलिन पार्क : सुरक्षा में लापरवाही या मनोरंजन का खतरा?



उदयपुर। हाल ही में खुले ट्रैम्पोलिन पार्क में सुरक्षा मानकों की गंभीर चूक उजागर हुई है। इन्फ्लुइश कंपनी की सह-संस्थापक शिवानी राजोरा ने आरोप लगाया है कि पार्क में सुरक्षा इंतजाम नाकाफी होने के चलते उन्हें गंभीर चोट का सामना करना पड़ा।

10 दिसंबर को कंपनी लॉन्च का जश्न मनाते हुए राजोरा बॉल पिट में एक मजेदार गतिविधि के दौरान बाउंड्री वॉल से टकरा गईं। परिणामस्वरूप, उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया। शिवानी ने इंस्टाग्राम पर साझा किए वीडियो में न केवल अपनी चोट का जिक्र किया, बल्कि पार्क प्रबंधन पर कई गंभीर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, पार्क में सुरक्षा उपाय अपर्याप्त हैं।
कर्मचारी अप्रशिक्षित हैं और आगंतुकों को किसी भी तरह की गाइडलाइन नहीं दी जाती।
लैंडिंग पिट का आकार बेहद छोटा है, जो खतरनाक है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि साइट पर मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
विडंबना यह है कि शिवानी को इलाज के लिए खुद नजदीकी जेके पारस हॉस्पिटल जाना पड़ा, जहां डॉक्टरों ने बताया कि ट्रैम्पोलिन पार्क से चोटिल होकर आने वाले लोग लगातार इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शिवानी के अनुसार, उनके अलावा कई अन्य आगंतुक भी उसी दिन चोटिल हुए।

प्रश्न जो उठते हैं :


क्या पार्क प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की?

क्या इस तरह की गतिविधियों के संचालन के लिए कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है?

मनोरंजन के नाम पर लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना कहां तक उचित है?

ट्रैम्पोलिन पार्क जैसे मनोरंजन स्थलों पर जाने वाले आगंतुकों का उत्साह तब खतरनाक बन जाता है जब सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को नजरअंदाज किया जाता है। शिवानी राजोरा का यह अनुभव एक चेतावनी है कि ऐसे स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए।

आखिरकार, सवाल यह है कि क्या उदयपुर के इस ट्रैम्पोलिन पार्क में किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है, या फिर समय रहते प्रशासन और प्रबंधन जिम्मेदारी लेंगे?

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