उदयपुर। रात के सन्नाटे में उदयपुर के मदार गांव के श्मशान से उठते धुएं ने इलाके को दहशत से भर दिया। जब ग्रामीणों ने पास जाकर देखा, तो उनके रोंगटे खड़े हो गए—एक महिला का अधजला शव पड़ा था। पैरों में चांदी की बिछिया, पास में स्पोर्ट्स शूज, और जलते मांस की गंध… यह कोई सामान्य मौत नहीं थी। यह एक संगीन जुर्म था, जिसे छिपाने के लिए आग की लपटों का सहारा लिया गया था।
पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की गई। शव की पहचान करना मुश्किल था, लेकिन पुलिस को मिले कुछ अहम सुरागों ने इस खौफनाक मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की दिशा में बढ़ा दिया।
CCTV ने खोला राज, कातिल पकड़ में आया
एसपी योगेश गोयल के मुताबिक, सबसे पहला सवाल यही था—आखिर यह युवती कौन थी? पुलिस ने उदयपुर संभाग में गुमशुदगी की रिपोर्ट खंगाली और आसपास लगे 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तभी एक फुटेज में एक लग्जरी SUV बार-बार श्मशान के आसपास घूमती दिखी। गाड़ी का नंबर ट्रेस किया गया, और शक की सुई विनोद कुमार टांक (35) पर जा टिकी।
विनोद को हिरासत में लिया गया, और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने जो कहानी बताई, वह रिश्तों की कड़वी सच्चाई और खौफनाक जुनून का नमूना थी।
प्यार, लालच और कत्ल की साजिश
मरने वाली युवती की पहचान आरती कुमारी उर्फ परवीन (27) निवासी बदरपुर, दिल्ली के रूप में हुई। आरती करीब डेढ़ साल से उदयपुर के ग्रेटर कैलाश अपार्टमेंट में रह रही थी और एस्कॉर्ट सर्विस का काम करती थी। विनोद भी इसी धंधे से जुड़ा था, और यहीं से दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं।
लेकिन धीरे-धीरे आरती की मांगें बढ़ने लगीं। वह विनोद से लगातार पैसे मांग रही थी और शादी करने का दबाव बना रही थी। यह सब विनोद के लिए बोझ बनता जा रहा था। आखिरकार, उसने इस रिश्ते को खत्म करने का फैसला कर लिया—लेकिन एक खतरनाक तरीके से।
शातिर प्लान: पहले गला घोंटा, फिर जला दिया शव
11 फरवरी की शाम विनोद आरती के फ्लैट पर गया। अंदर घुसते ही उसने मौका देखकर आरती का गला घोंट दिया। जब उसकी सांसें थम गईं, तो उसने शव को अपनी क्रेटा SUV में डाला और शहर के बाहरी इलाके में स्थित मदार गांव के श्मशान ले गया।
श्मशान में पहुंचकर विनोद ने शव पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। उसे लगा कि कुछ ही देर में लाश पूरी तरह जल जाएगी और कोई सबूत नहीं बचेगा। लेकिन उसकी जल्दबाजी ने ही उसे पकड़वा दिया—शरीर पूरी तरह नहीं जल पाया, और ग्रामीणों ने आग बुझा दी।
सबूत जो बच गए और हत्यारे की गिरफ्तारी
आग बुझाने के बाद शव से जो सुराग मिले, उन्होंने पुलिस को केस सुलझाने में मदद की। पुलिस ने शव के पैरों में बिछिया और पास में पड़े स्पोर्ट्स शूज़ से अंदाजा लगाया कि मृतका कोई शादीशुदा या पारंपरिक महिला हो सकती है। फिर टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी की मदद से पुलिस विनोद तक पहुंची।
गिरफ्तारी के बाद विनोद ने अपना जुर्म कबूल लिया और बताया कि उसने यह कत्ल क्यों और कैसे किया।
इश्क जब खूनी मोड़ लेता है…
यह कहानी प्यार, पैसे और जुनून का खतरनाक मेल थी। जब रिश्ते में स्वार्थ और दबाव हावी हो जाएं, तो प्यार खूनी खेल बन जाता है। आरती का कत्ल महज़ एक गुस्से का नतीजा नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, जो रिश्तों की हकीकत और इंसानी फितरत के स्याह पहलू को उजागर करती है।
अब विनोद सलाखों के पीछे है, लेकिन इस दर्दनाक हकीकत के सवाल अब भी जिंदा हैं—क्या लालच और दबाव रिश्तों को इस कदर खत्म कर सकते हैं? क्या प्यार वाकई इतना सस्ता हो गया है कि मौत ही इसका आखिरी हल रह गया है?
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