पोप लियो XIV ने पहले सार्वजनिक संबोधन में की ‘अब और युद्ध नहीं’ की अपील

 

वेटिकन सिटी। कैथोलिक चर्च के नव-निर्वाचित धर्मगुरु, पोप लियो XIV, ने रविवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में दुनिया भर के नेताओं से ‘अब और युद्ध नहीं’ की भावुक अपील की। उन्होंने यूक्रेन और ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम, मानवीय सहायता की आपूर्ति और सभी बंधकों की रिहाई की मांग की।

वैश्विक संघर्षों पर चिंता

पोप लियो ने यूक्रेन में ‘सच्ची, वास्तविक और टिकाऊ शांति’ की आवश्यकता पर बल दिया और ग़ज़ा में जारी मानवीय संकट पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “अब और युद्ध नहीं!” यह वाक्यांश उन्होंने कई बार दोहराया, जो उनके पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस के शांति संदेश की याद दिलाता है।

भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम का स्वागत

पोप लियो ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह एक स्थायी समझौते की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा, “हम प्रार्थना करते हैं कि यह संघर्षविराम स्थायी शांति की दिशा में एक कदम हो।”

मानवीय सहायता और बंधकों की रिहाई की अपील

ग़ज़ा में जारी संघर्ष के संदर्भ में, पोप लियो ने सभी बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता की तत्काल आपूर्ति की अपील की। उन्होंने कहा, “हम प्रार्थना करते हैं कि सभी बंधकों को रिहा किया जाए और पीड़ितों तक सहायता पहुंचाई जाए।”
NPR

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

पोप लियो XIV, जिनका असली नाम कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट है, 8 मई 2025 को पोप चुने गए। वह पहले अमेरिकी पोप हैं और उन्होंने पोप लियो XIII के नाम पर अपना नाम रखा, जो सामाजिक न्याय के लिए जाने जाते थे। पोप लियो ने अपने पहले संबोधन में पोप फ्रांसिस की शांति और करुणा की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
Wikipedia

जनता की प्रतिक्रिया

सेंट पीटर्स स्क्वायर में लगभग 100,000 लोग पोप लियो के पहले संबोधन को सुनने के लिए एकत्रित हुए। भीड़ में अमेरिकी छात्र, पेरू की ननें और प्रवासी परिवार शामिल थे, जिन्होंने नए पोप के नेतृत्व में आशा और उत्साह व्यक्त किया।

पोप लियो XIV का पहला सार्वजनिक संबोधन वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उनकी ‘अब और युद्ध नहीं’ की अपील दुनिया भर में शांति और मानवीय सहायता के लिए एक नया संदेश है।

 

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