हमास रिहा करेगा इज़राइली-अमेरिकी बंधक एडन अलेक्ज़ेंडर, ग़ज़ा में युद्धविराम की कोशिशों को मिला नया मोड़

गजा। ग़ज़ा में महीनों से बंधक बनाए गए इज़राइली-अमेरिकी नागरिक एडन अलेक्ज़ेंडर को हमास रिहा करने जा रहा है। हमास ने इस फैसले को युद्धविराम और मानवीय राहत समझौते की ओर एक सकारात्मक कदम बताया है। 21 वर्षीय अलेक्ज़ेंडर ग़ज़ा में ज़िंदा बचे आखिरी अमेरिकी नागरिक हैं जिन्हें हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल-ग़ज़ा सीमा पर एक सैन्य टुकड़ी से पकड़ लिया था।

कूटनीतिक प्रयासों का नतीजा

हमास का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्य पूर्व दौरे पर रवाना होने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस फैसले से ग़ज़ा के नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की संभावनाएं तेज होंगी, जिन्हें इज़राइल की ओर से बीते 70 दिनों से रोका गया है।

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि वे क़तर में अमेरिकी प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ प्रत्यक्ष संवाद में हैं, और यह रिहाई उन्हीं बातचीतों का हिस्सा है।

अमेरिका और इज़राइल को पहले से मिली थी जानकारी

इज़राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि अमेरिका ने उन्हें एडन अलेक्ज़ेंडर की संभावित रिहाई की जानकारी पहले ही दे दी थी। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर उनकी रिहाई की पुष्टि करते हुए इसे एक “महत्वपूर्ण मानवीय सफलता” बताया।

एडन अलेक्ज़ेंडर : एक परिचय

जन्मस्थान : तेल अवीव, इज़राइल

परवरिश : न्यू जर्सी, अमेरिका

उम्र : 21 वर्ष

भूमिका : ग़ज़ा सीमा पर विशेष सैन्य यूनिट में तैनात

बंधक बनाए जाने की तिथि: 7 अक्टूबर

एडन की दादी ने पिछले महीने उनकी रिहाई की सार्वजनिक अपील की थी, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला सुर्खियों में आया। माना जा रहा है कि पारिवारिक और सार्वजनिक दबाव का असर भी इस रिहाई के फैसले में शामिल रहा।

मानवीय संकट पर संभावित राहत

हमास ने उम्मीद जताई है कि इस कदम के बाद ग़ज़ा में राहत सामग्री और मेडिकल सप्लाई की पहुंच आसान होगी। पिछले दो महीनों से जारी घेराबंदी के चलते ग़ज़ा में चिकित्सा, भोजन और पानी की भारी कमी देखी जा रही है।

अब सभी की निगाहें युद्धविराम की ओर हैं। हमास की यह रिहाई अगर व्यापक समझौते की ओर ले जाती है, तो यह क्षेत्रीय शांति के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

एडन अलेक्ज़ेंडर की रिहाई केवल एक व्यक्ति की वापसी नहीं, बल्कि एक ऐसे संघर्ष क्षेत्र में संभावित राहत की उम्मीद है, जहां हर दिन मानवीय संकट गहराता जा रहा है। यह घटनाक्रम कूटनीतिक कोशिशों को एक नई दिशा दे सकता है।

About Author

Leave a Reply