
युवा नवाचार और नैतिक मूल्यों के संगम से रखे सशक्त राष्ट्र की नींव – प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर। राष्ट्र की उन्नति उस राष्ट्र की युवाओं से सीधी जुड़ी हुई है। देश का युवा जितना सशक्त होगा, वह देश उतना ही सशक्त ही होगा। ये तभी संभव है जब शिक्षा नवाचारों व तकनीकों के साथ मूल्यों से युक्त हो, मन-मस्तिष्क के संतुलित विचारों को निर्मित करने वाली हो।

उक्त विचार सोमवार को राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित बीए बीएड, बीएड बाल विकास के नव आगन्तुक छात्राध्यापकों के लिए आयोजित दस दिवसीय दीक्षारंभ समारोह के शुभारंभ के अवसर पर कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने, उद्देशों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए शोध आधारित तथ्यों को बताते हुए सफलता प्राप्ति सुनिश्चित करने के प्रयासों पर अपने विचार साझा किये। उन्होंने छात्रों को जीवन की सफलता के लिए मानसिक ,शारीरिक और आध्यात्मिक स्वस्थता के लिए कार्य करने के बात कही। उन्होंने अभिभावकों से भी विद्यार्थियों के विकास में व्यवहारिक तथ्यों को शामिल करने का आव्हान किया।
राष्ट्र निर्माण का जिम्मा शिक्षकों पर – बीएल गुर्जर
मुख्य अतिथि कुल प्रमुख एवं कुलाधिपति बी एल गुर्जर ने नये विद्यार्थियों को विद्यापीठ की जानकारी देते हुए कहा कि विपरीक परिस्थिति में संस्थान की स्थापना आजादी के 10 वर्ष पूर्व 1़937 में हुई। उस समय पढना – पढाना अपराध माना जाता था। उस संस्थापक जनुभाई ने वंचित वर्ग को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्य धारा से जोडने के उद्देश्य रात्रिकालीन पाठशाला शुरू की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण का जिम्मा शिक्षकों पर है। शिक्षकों के कार्यों का प्रभाव दूर तक जाता हैं अतः ऐसे शिक्षक जो लोक द्वारा मान्य एवं स्वीकार्य शिक्षक तैयार करने का कार्य संस्था की और से किया जा रहा है। संस्थान शिक्षा के सामाजिक और सामुदायिक दायित्वों को पूर्णतः करने हेतु समर्पित है।
प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करतेहुए कहा कि नए विद्यार्थियों को वर्तमान के बदलते तकनीकी और सामाजिक परिवेश में शिक्षकों के दायित्वों को बताते हुए जीवन मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया।
इस अवसर पर डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. बी. एल. श्रीमाली, डॉ. अनीता कोठारी, डॉ. सरिता मेनारिया, डॉ. अमित देव, डॉ. पुनीत पंड्या, डॉ. पल्लव पांडे, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ. हरीश चौबीसा, डॉ. तिलकेश आमेटा, डॉ. मिनेश भट्ट, डॉ. सुभाष पुरोहित सहित संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
संचालन डॉ. हिम्मत सिंह चुंडावत ने किया जबकि आभार डॉ. रचना राठौड ने जताया।
स्रोत : कृष्णकांत कुमावत, निजी सचिव वाइस चांसलर
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