धरोहर संरक्षण की नई पहल : हिन्दुस्तान ज़िंक और राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के बीच 85 करोड़ का एमओयू

 

उदयपुर। राजस्थान की अमूल्य धरोहरों को संरक्षित कर भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड और राजस्थान धरोहर प्राधिकरण ने 85 करोड़ रुपये का एमओयू किया है। यह साझेदारी प्रदेश में हेरिटेज कॉरिडोर के विकास को नया आयाम देगी और पूंछरी का लौठा, डीग जैसे सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल को आधुनिक और सुरक्षित स्वरूप प्रदान करेगी।

एमओयू के अंतर्गत पूंछरी का लौठा क्षेत्र में जीर्णोद्धार कार्य, बॉटैनिकल गार्डन का निर्माण, परिक्रमा मार्ग का सुधार, और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का यह अहम पड़ाव ब्रज सांस्कृतिक परिदृश्य का हिस्सा है और लाखों श्रद्धालुओं-पर्यटकों की आस्था से जुड़ा है। इस पहल से यह स्थान न केवल संरक्षित होगा बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में और समृद्ध होगा।

राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने इस अवसर पर कहा कि “राजस्थान की धरोहरें हमारी पहचान और गौरव हैं। इन्हें भावी पीढ़ियों के लिए संजोना हमारी ज़िम्मेदारी है। हिन्दुस्तान ज़िंक के सहयोग से पूंछरी का लौठा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कॉरिडोर का विकास हमारी इस प्रतिबद्धता को और मजबूती देगा। यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार उद्योग और सरकार मिलकर विरासत संरक्षण व पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।”

हिन्दुस्तान ज़िंक का विज़न : समुदाय और संस्कृति दोनों को सशक्त करना

हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के सीईओ एवं पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि “विरासत समुदायों को उनकी जड़ों से जोड़ती है और उनकी पहचान को गहराई देती है। हम राजस्थान हेरिटेज अथॉरिटी के साथ मिलकर इन सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने और पर्यटक सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने पर गर्व महसूस करते हैं। हमारी पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय समुदायों की आजीविका को भी सशक्त करेगी।”

सीएसआर से सतत बदलाव की ओर

हिन्दुस्तान ज़िंक का यह कदम उसके व्यापक सीएसआर विज़न का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत कंपनी शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरणीय स्थिरता से जुड़ी परियोजनाओं पर लगातार कार्य कर रही है।

अब तक 23 लाख से अधिक लोगों को 2,300 गांवों में इन पहलों से सकारात्मक लाभ मिला है। कंपनी भारत की शीर्ष 10 सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में शामिल है।यह दर्शाता है कि किस तरह उद्योग सिर्फ आर्थिक विकास ही नहीं बल्कि समावेशी और सतत विकास में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

स्थायी पर्यटन और स्थानीय गौरव की दिशा में कदम

पूंछरी का लौठा हेरिटेज कॉरिडोर पहल न केवल धरोहर संरक्षण का प्रतीक बनेगी बल्कि स्थायी पर्यटन के नए अवसर खोलेगी। इससे स्थानीय समुदायों की आय में वृद्धि होगी, युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय गौरव में इज़ाफा होगा।

इस पूरे प्रोजेक्ट के ज़रिए हिन्दुस्तान ज़िंक ने यह संदेश दिया है कि कॉरपोरेट सफलता तभी सार्थक है जब वह समाज, संस्कृति और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी योगदान दे।

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