क्रिसमस आइलैंड (ऑस्ट्रेलिया) | दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की पहली बारिश के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के छोटे से द्वीप क्रिसमस आइलैंड पर एक बार फिर से लाखों लाल केकड़ों का वार्षिक प्रवास (Annual Red Crab Migration) शुरू हो गया है। यह वह समय है जब पूरा द्वीप लाल रंग के समुद्र में बदल जाता है और इंसान व प्रकृति के बीच का दुर्लभ सामंजस्य नज़र आता है।
200 मिलियन केकड़ों का सैलाब
क्रिसमस आइलैंड नेशनल पार्क की एक्टिंग मैनेजर एलेक्सिया जानकोव्स्की के अनुसार, इस द्वीप पर लगभग 200 मिलियन लाल केकड़े (Gecarcoidea natalis) मौजूद हैं। इनमें से करीब 100 मिलियन केकड़े इस मौसम में अपने जंगल के बिलों से निकलकर समुद्र की ओर ब्रीडिंग के लिए जाते हैं।
जानकोव्स्की ने बताया, “बारिश के साथ ही केकड़े अपने वार्षिक सफ़र पर निकल पड़ते हैं। दिन में वे छाया में रहते हैं, लेकिन सुबह और शाम को बड़ी संख्या में सड़कों, रास्तों और बगीचों से गुजरते हुए समुद्र की ओर बढ़ते हैं।”
बारिश बनी संकेत
यह प्रवास हर साल दक्षिणी हेमिस्फ़ेयर में गर्मियों की बारिश शुरू होते ही आरंभ होता है। इस बार बारिश पिछले वीकेंड में हुई और उसी के साथ यह विशाल प्राकृतिक यात्रा भी शुरू हो गई।
क्रिसमस आइलैंड की सड़कों और जंगलों में अब करोड़ों लाल केकड़े रेंगते दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय लोग भी शामिल
द्वीप की लगभग 1,200 की मानव आबादी इस प्रवास में सक्रिय भूमिका निभा रही है। स्थानीय लोग लीफ़ ब्लोअर, झाड़ू और गार्डन रेक का इस्तेमाल कर रास्तों से केकड़ों को हटाने या उनका मार्ग साफ़ करने में मदद कर रहे हैं ताकि उन्हें सुरक्षित समुद्र तक पहुंचाया जा सके।
कई सड़कों पर अस्थायी ट्रैफिक रोक लगाई गई है और कुछ जगहों पर विशेष ‘केकड़ा ब्रिज’ बनाए गए हैं, जिनसे केकड़े सुरक्षित रूप से सड़क पार कर सकें।
वायरल हुआ ‘रेड कार्पेट’ दृश्य
पार्क्स ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी एक तस्वीर में 19 अक्टूबर, 2025 को एक छोटा बच्चा केकड़ों के बीच खड़ा दिखाई दे रहा है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है।
पार्क्स ऑस्ट्रेलिया ने बताया कि यह दृश्य अब हर साल पर्यावरण प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। एक अन्य तस्वीर में (जो 2021 में ली गई थी) हजारों केकड़े एक नाले में बहते दिखे थे, मानो धरती पर लाल नदी बह रही हो।
समुद्र तक की यात्रा और जीवन का चक्र
लाल केकड़े लगभग तीन से चार हफ़्तों तक यह यात्रा करते हैं। मादा केकड़े समुद्र के किनारे जाकर अंडे देती हैं और फिर वापस जंगल की ओर लौट जाती हैं। कुछ हफ़्तों बाद समुद्र में से लाखों छोटे केकड़े (larvae) निकलते हैं और जंगल की ओर अपने पहले सफ़र पर बढ़ते हैं।
जानकारों के अनुसार, यह चक्र द्वीप के पारिस्थितिक संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। केकड़े जंगल की ज़मीन को साफ़ रखते हैं, गिरे पत्तों को खाते हैं और मिट्टी में पोषक तत्व बनाए रखते हैं।
दुनिया का अनोखा प्राकृतिक आयोजन
क्रिसमस आइलैंड, जो हिंद महासागर में इंडोनेशिया के दक्षिण में स्थित है, अपनी इस घटना के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। लगभग पूरे द्वीप का क्षेत्र नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है, जिससे यहां का पारिस्थितिक संतुलन अपेक्षाकृत अप्रभावित है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह वार्षिक प्रवास न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानव और प्रकृति के सह-अस्तित्व का दुर्लभ उदाहरण भी है।
सरकार और प्रशासन की तैयारियां
पार्क्स ऑस्ट्रेलिया और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर सड़कों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। कुछ इलाकों में वाहन प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि केकड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। द्वीप के स्कूलों और कार्यालयों के समय में भी अस्थायी बदलाव किया गया है ताकि लोगों की गतिविधियों से केकड़ों के रास्ते में रुकावट न आए।
संदेश प्रकृति से
विशेषज्ञों का मानना है कि लाल केकड़ों का यह प्रवास हमें प्रकृति के संतुलन की अहमियत याद दिलाता है। यह घटना दिखाती है कि जब इंसान पर्यावरण के साथ मिलकर चलता है, तो जीवन के हर रूप के लिए धरती और अधिक सुंदर बन जाती है।
(इनपुट: पार्क्स ऑस्ट्रेलिया, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स)
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