
आप पढ़ रहे हैं हबीब की रिपोर्ट।
विश्व राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति इन दिनों लगातार सुर्खियों में है। कहीं किसी पूर्व राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक संस्थाओं को चुनौती देने पर कठोर सज़ा सुनाई जा रही है, तो कहीं युद्ध और सुरक्षा के खतरे ने देशों को और सतर्क बना दिया है। दक्षिण एशिया में राजनीतिक हलचल और सत्ता संतुलन नए समीकरण गढ़ रहे हैं, वहीं अमेरिका में एक हाई-प्रोफाइल कार्यकर्ता की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया है। आइए, नज़र डालते हैं इन अहम घटनाओं पर—
ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो को 27 साल से अधिक की सज़ा
ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो को सत्ता पर क़ब्ज़ा बनाए रखने के लिए सैन्य तख़्तापलट की साज़िश रचने का दोषी पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों के पैनल ने फैसला सुनाते हुए उन्हें 27 साल और 3 महीने की जेल की सज़ा दी।
यह सज़ा उस समय सुनाई गई जब 2022 के चुनाव में बोलसोनारो अपने वामपंथी प्रतिद्वंद्वी लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से हार गए थे। अदालत ने माना कि उन्होंने हार के बाद सत्ता छोड़ने के बजाय लोकतांत्रिक व्यवस्था को पलटने की कोशिश की।
पाँच में से चार जजों ने उन्हें दोषी ठहराया जबकि एक ने बरी करने के पक्ष में वोट दिया। बोलसोनारो के वकीलों ने इस फैसले को “बेहद सख़्त” बताया है और कहा है कि वे अपील करेंगे। यह फैसला लैटिन अमेरिका में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मज़बूती और न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अहम उदाहरण माना जा रहा है।
यूक्रेन संघर्ष पर भारत-पोलैंड वार्ता
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पोलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री रादोस्वाफ़ सिकोर्स्की से मुलाक़ात कर यूक्रेन संघर्ष और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत चाहता है कि यह संघर्ष जल्द से जल्द ख़त्म हो और इसका एक स्थायी समाधान निकले। पोलैंड ने हाल ही में अपने हवाई क्षेत्र में बार-बार ड्रोन घुसपैठ का मामला उठाया है। रिपोर्टों के मुताबिक़, पोलिश वायुसेना और नेटो बलों ने कई ड्रोन मार गिराए।
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने संसद में बताया कि सिर्फ़ एक रात में ही 19 ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं दर्ज हुईं। हालांकि रूस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और इसे रक्षा मंत्रालय का मामला बताया।
भारत की यह कूटनीतिक सक्रियता दिखाती है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच तनाव में संतुलन साधते हुए वैश्विक शांति प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहता है।
नेपाल में राजनीतिक हलचल : सुशीला कार्की का नाम सामने
नेपाल की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। ‘जेन-ज़ी आंदोलन’ से उपजे राजनीतिक संकट के बीच खबर है कि देश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपने पर सहमति बन गई है।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि गुरुवार रात राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल की मौजूदगी में इस पर चर्चा हुई। अगर यह निर्णय अमल में आता है, तो सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं।
यह घटनाक्रम नेपाल में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है, जहाँ न्यायपालिका से जुड़ी हस्ती को संकट के दौर में राजनीतिक नेतृत्व सौंपा जा रहा है।
अमेरिका में चार्ली कर्क की हत्या, संदिग्ध की तस्वीर जारी
अमेरिका में चार्ली कर्क, जो एक हाई-प्रोफाइल कंज़र्वेटिव कार्यकर्ता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क़रीबी माने जाते थे, की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया है।
यूटा के एक कॉलेज में बुधवार को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुरुवार रात एफबीआई ने संदिग्ध की तस्वीर जारी की है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारियों को घटनास्थल के पास एक राइफल भी मिली है।
चार्ली कर्क सिर्फ़ 31 साल के थे और पूरे अमेरिका के कॉलेज कैंपसों में ओपन-एयर डिबेट्स आयोजित करने के लिए जाने जाते थे। उनकी हत्या अमेरिकी राजनीति और समाज में ध्रुवीकरण की गहराई को उजागर करती है।
एफबीआई ने संदिग्ध की पहचान में मदद देने वालों के लिए 1,00,000 डॉलर का इनाम रखा है।
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