
आप पढ़ रहे हैं हबीब की रिपोर्ट।
भारत में मानसून का असर तबाही मचा रहा है, दूसरी ओर राजनीतिक और सैन्य मोर्चों पर भी अहम हलचलें देखने को मिल रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सुरक्षा तैयारियों और संवैधानिक पदों की शपथ तक—देश भर में घटनाओं की तेज़ रफ्तार बनी हुई है। आइए नज़र डालते हैं ताज़ा खबरों पर—
मानसून का कहर : सिक्किम, आगरा और हिमाचल में तबाही
देश के कई राज्यों में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है।
सिक्किम : यहां भारी बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड में 4 लोगों की मौत हो गई। कई जगहों पर सड़कें जाम हैं और स्थानीय प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटा है।
आगरा (उत्तर प्रदेश) : यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते करीब 40 गांव पानी में डूब गए। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और प्रशासन ने नावों व रेस्क्यू टीमों की तैनाती की है।
हिमाचल प्रदेश : यहां बाढ़ और बारिश से अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी आपदा बताया है। हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई सड़कों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार राहत कार्य चला रही हैं।
मणिपुर में हिंसा : पीएम दौरे से पहले उपद्रव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे से ठीक दो दिन पहले राज्य में उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। चुराचांदपुर और इंफाल में उपद्रवियों ने पोस्टर और बैनर फाड़े और कई जगह आगजनी की घटनाएं कीं। पीएम मोदी 13 सितंबर को राज्य का दौरा करेंगे, जिसके दौरान वे चुराचांदपुर और इंफाल में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब मणिपुर पहले से ही जातीय और राजनीतिक तनाव के चलते संवेदनशील हालात का सामना कर रहा है।
भारतीय वायुसेना को नवंबर में मिलेंगे दो तेजस मार्क-1
भारतीय वायुसेना की ताकत में और इज़ाफ़ा होने वाला है। नवंबर 2025 में वायुसेना को दो तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान मिलेंगे। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पहले विमान का एक इंजन मिल चुका है, जबकि दूसरा इंजन अगले 15 दिनों में आ जाएगा। योजना के मुताबिक़, HAL को 2028 तक कुल 83 तेजस मार्क-1ए विमान वायुसेना को सौंपने हैं। तेजस मार्क-1ए आधुनिक तकनीक और स्वदेशी उत्पादन का प्रतीक है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को और मज़बूत करेगा। यह डिलीवरी भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति और मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
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