2001 हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अपील स्वीकार की, छोटा राजन की ज़मानत रद्द

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए गैंगस्टर राजेंद्र निकालजे उर्फ छोटा राजन को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली राहत खत्म कर दी। अदालत ने 2001 में होटल व्यवसायी जया शेट्टी हत्याकांड में उसकी ज़मानत रद्द कर दी और उम्रकैद की सज़ा को बहाल कर दिया।

जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 23 अक्टूबर 2024 के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें छोटा राजन की उम्रकैद की सज़ा को निलंबित कर उसे ज़मानत दी गई थी।

मामला क्या है? : यह हत्याकांड मध्य मुंबई के गामदेवी इलाके के गोल्डन क्राउन होटल से जुड़ा है। 4 मई 2001 को होटल की मालकिन जया शेट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर छोटा राजन गिरोह के सदस्य बताए गए।

जांच में खुलासा हुआ कि शेट्टी को छोटा राजन के करीबी हेमंत पुजारी से वसूली की धमकियां मिल रही थीं। धमकी न मानने पर उनकी हत्या कर दी गई।

कोर्ट की सख़्त टिप्पणी

सीबीआई की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा— “ऐसे व्यक्ति की सज़ा निलंबित क्यों की जाए?” पीठ ने छोटा राजन के आपराधिक इतिहास और इस तथ्य को गंभीर माना कि वह 27 साल तक फरार रहा। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि कई मामलों में राजन को बरी इसलिए किया गया होगा क्योंकि गवाह गवाही देने से डरते थे।

बचाव पक्ष की दलील

छोटा राजन के वकील ने कहा कि—मामले में ठोस सबूत नहीं हैं। राजन के खिलाफ दर्ज 71 मामलों में से 47 को सबूतों के अभाव में बंद किया जा चुका है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी।

निचली अदालत और हाईकोर्ट का फैसला

मई 2024 में विशेष सीबीआई अदालत ने छोटा राजन को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। इसके खिलाफ उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की, जहाँ से उसे ज़मानत मिल गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया है।

छोटा राजन की मौजूदा स्थिति

वह पहले से ही 2011 में पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद, जया शेट्टी हत्याकांड में भी उसकी सज़ा बरकरार रहेगी।

यह फैसला छोटा राजन के लिए एक बड़ा झटका है। साथ ही उन मामलों के लिए भी मिसाल है, जहां संगठित अपराधियों को सज़ा के बाद राहत दिलाने की कोशिश होती है।

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