
उदयपुर। भारत की एकमात्र और विश्व की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, ने क्लाइमेट एक्शन और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को और सशक्त करते हुए वित्त वर्ष 2025 में 1 लाख गीगाजूल से अधिक ऊर्जा की बचत दर्ज की है। यह बचत सालाना लगभग 19,000 भारतीय घरों को बिजली उपलब्ध कराने के बराबर है, जो इंडस्ट्रियल एनर्जी एफिशिएंसी के वास्तविक प्रभाव को दर्शाती है।
नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन डे के अवसर पर कंपनी ने राजस्थान स्थित अपने परिचालन क्षेत्रों में 20,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी की उपलब्धि साझा की। यह उपलब्धि लक्षित एफिशिएंसी प्रोजेक्ट्स, उन्नत तकनीक और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन का परिणाम है, जो हिन्दुस्तान जिंक को ग्रीन और फ्यूचर-रेडी मेटल्स कंपनी के रूप में स्थापित करता है।
पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने ऊर्जा प्रदर्शन को बेहतर बनाने और कार्बन फुटप्रिंट घटाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। इनमें वेरिएबल-फ्रीक्वेंसी ड्राइव्स और हाई-एफिशिएंसी उपकरणों की स्थापना, स्मेल्टिंग व प्रोसेस-हीट सिस्टम का ऑप्टिमाइजेशन तथा एआई-सक्षम डिजिटल एनर्जी मॉनिटरिंग शामिल है, जिससे रियल-टाइम कंट्रोल और बेहतर निर्णय संभव हुए हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर भी हिन्दुस्तान जिंक ने मजबूत प्रगति की है। मार्च 2025 में सेरेंटिका रिन्यूएबल्स के साथ किए गए राउंड-द-क्लॉक पावर डिलीवरी एग्रीमेंट के बाद कंपनी की ग्रीन पावर क्षमता 530 मेगावाट तक पहुंचने की दिशा में है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2028 तक कुल बिजली का 70 प्रतिशत रिन्यूएबल स्रोतों से प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही है। यह पहल कंपनी के साइंस बेस्ड टारगेट्स इनिशिएटिव (SBTi) और 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि भविष्य की माइनिंग केवल उत्पादन से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और समझदारी से तय होगी। ऊर्जा दक्षता, रिन्यूएबल पावर और इलेक्ट्रिफाइड लॉजिस्टिक्स के जरिए कंपनी कम-कार्बन भविष्य के लिए नए ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।
सस्टेनेबिलिटी के मोर्चे पर कंपनी की उपलब्धियों में वित्त वर्ष 25 की शुरुआत में 6.7 लाख टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बचत, पावर मिक्स में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी को लगभग 19 प्रतिशत तक बढ़ाना, और एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा लगातार तीसरे वर्ष विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल्स एवं माइनिंग कंपनी का दर्जा हासिल करना शामिल है।
इसके साथ ही, हिन्दुस्तान जिंक ने “द पावर ऑफ लेस” नाम से कंपनी-वाइड जागरूकता अभियान शुरू किया है, जो कर्मचारियों, परिवारों और स्थानीय समुदायों को सोच-समझकर ऊर्जा उपयोग और लो-कार्बन आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
ऊर्जा संरक्षण, डीकार्बोनाइजेशन और सामूहिक भागीदारी के जरिए हिन्दुस्तान जिंक न केवल भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन को मजबूती दे रहा है, बल्कि राजस्थान के दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
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