मोदी का बंगाल दौरा: TMC पर आरोप—कमीशनखोरी और विकास रोके जाने का मामला, केंद्र और राज्य के बीच नया राजनीतिक टकराव

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में राणाघाट और ताहिरपुर में अपने कार्यक्रमों के दौरान TMC सरकार पर कड़ी टिप्पणियां कीं। मोदी ने आरोप लगाया कि बंगाल में विकास की गति धीमी रहने का मुख्य कारण स्थानीय सरकार की “कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार” है, और हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। उन्होंने बंगाल की जनता से भाजपा को मौका देने का आग्रह किया और कहा कि TMC चाहे हजार बार विरोध करे, लेकिन राज्य के विकास को रोक नहीं सकती।

मोदी ने त्रिपुरा के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं, जबकि बंगाल पिछड़ रहा है। उन्होंने बंगाल और बंगाली भाषा की संस्कृति और इतिहास की सराहना करते हुए इसे भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बताया। इस दौरे के दौरान मोदी ने ₹3,200 करोड़ के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया और असम में गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन किया।

TMC ने प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बंगाल की परेशानियों का मुख्य कारण केंद्र सरकार की वसूली और नीतियां हैं। TMC ने बताया कि 2017-18 से 2023-24 के बीच केंद्र ने 6.5 लाख करोड़ रुपये वसूले, जबकि राज्य को अब भी 2 लाख करोड़ रुपये नहीं लौटाए गए। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार बंगाल की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का अपमान कर रही है।

इस घटना ने राज्य और केंद्र के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है। मोदी का आरोप और TMC का प्रतिवाद दोनों ही आगामी चुनावों की राजनीति पर गहरा असर डाल सकते हैं। यह टकराव केवल विकास और प्रशासनिक मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व, सांस्कृतिक पहचान और वोटर बेस पर भी असर डालता दिखाई दे रहा है।

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