विद्या प्रचारिणी सभा का 104वां स्थापना दिवस : जहां शिक्षा बनी संस्कार और सेवा बनी संकल्प—वही है भूपाल नोबल्स

उदयपुर। उदयपुर की पावन धरती पर स्थापित भूपाल नोबल्स संस्थान केवल एक शिक्षण संस्था नहीं, बल्कि मेवाड़ की आत्मा, उसकी चेतना और सामाजिक चेतना का जीवंत प्रतीक है। 104 वर्षों की यह यात्रा उन अनगिनत संघर्षों, सपनों और संकल्पों की कहानी है, जिसने शिक्षा को महज़ डिग्री नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा का माध्यम बनाया।

02 जनवरी 2026 को जब भूपाल नोबल्स अपना 104वां स्थापना दिवस मनाएगा, तब यह केवल एक आयोजन नहीं होगा — यह उस परंपरा का उत्सव होगा जिसने मेवाड़–मारवाड़ को शिक्षा के सूत्र में बाँध दिया। 10 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों और नागरिकों की उपस्थिति में महाराणा प्रताप खेल मैदान पर आयोजित यह समारोह सामूहिक चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त उदाहरण बनेगा।

इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना, न केवल संस्थान की गरिमा को बढ़ाता है बल्कि यह संदेश भी देता है कि शिक्षा और राष्ट्र रक्षा एक-दूसरे के पूरक हैं। यह आयोजन उस भारत की तस्वीर प्रस्तुत करेगा जहाँ ज्ञान, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम एक साथ खड़े हैं।

संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत द्वारा प्रस्तुत इतिहास इस बात का प्रमाण है कि 1923 से आज तक भूपाल नोबल्स ने शिक्षा, चिकित्सा, प्रशासन, राजनीति और सेना में ऐसे दीप जलाए हैं, जिनकी रोशनी देश-दुनिया तक फैली है। यह संस्थान सामाजिक समरसता और समान अवसरों की प्रयोगशाला रहा है।

समारोह में मेवाड़ की महाराणी श्रीमती महिमा कुमारी, जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक और समाजसेवी नेताओं की उपस्थिति यह दर्शाती है कि भूपाल नोबल्स केवल शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का केंद्र है। महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ के संरक्षण में आयोजित यह आयोजन परंपरा और प्रगति के संगम का प्रतीक होगा।

विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि भूपाल नोबल्स अब उन व्यक्तियों को “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित करेगा जिन्होंने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। यह सम्मान केवल उपलब्धि का नहीं, बल्कि प्रेरणा का उत्सव होगा — आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन।

प्रातः हवन-पूजन के माध्यम से शांति, सद्भाव और राष्ट्रकल्याण की कामना, तथा ओल्ड बॉयज एसोसिएशन द्वारा आयोजित रक्तदान एवं चिकित्सा शिविर सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को सशक्त करता है। यह बताता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि मानवता को जीवित रखना भी है।

प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने बताया कि समारोह से पूर्व प्रातः 08 बजे देश में अमन शांति के लिए हवन पुजन का आयोजन किया जायेगा। जिसमें संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्य भाग लेंगे। प्रातः 09 बजे ओल्ड बोएज एसोसिएशन की ओर से विशाल चिकित्सा शिविर एवं ब्लड डोनेशन का आयोजन किया जायेगा।

राजनीतिक दृष्टिकोण से

यह आयोजन यह भी दर्शाता है कि जब शिक्षा संस्थान और लोकतांत्रिक नेतृत्व एक मंच पर आते हैं, तब समाज को दिशा मिलती है। रक्षा मंत्री से लेकर राज्यपाल तक की सहभागिता यह संकेत देती है कि शिक्षा आज भी राष्ट्र की प्राथमिकता है।

दीक्षांत समारोह — भविष्य का निर्माण

रजिस्ट्रार डॉ. एन.एन. सिंह ने बताया कि भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह 07 जनवरी को आयोजित किया जायेगा। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के राज्यपाल माननीय हरिभाऊ किसनराव बागड़े शिरकत करेंगे। समारोह में 99 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि एवं स्नातकोत्तर परीक्षा में 47 उत्कृष्ट विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिये जाने के साथ ही स्नातक एवं स्नातकोत्तर की 2025 डिग्री जारी की जायेगी।

संयुक्त मंत्री राजेन्द्र सिंह ताणा ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से समारोह में आमजन का प्रवेश सेवाश्रम स्थित इनडोर स्टेडियम से वह बीएन संस्थान के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का मुख्य मार्ग से होगा। अपने वाहन भी वही पार्क कर सकेंगे।

खेल और युवा शक्ति : वित्त सचिव शक्ति सिंह कारोही ने बताया कि आगामी 3 से 6 फरवरी भूपाल नोबल्स खेल मैदान पर वेस्ट जॉन बॉस्केट बॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। जिसमें एक हजार से अधिक खिलाडी, कोच, मैनेजर भाग लेंगे।

फरवरी में आयोजित वेस्ट जोन बास्केटबॉल प्रतियोगिता यह प्रमाण है कि भूपाल नोबल्स केवल बौद्धिक नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक विकास को भी समान महत्व देता है। एक हजार से अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी युवा शक्ति के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करती है।

भूपाल नोबल्स का 104वां स्थापना दिवस केवल एक तारीख नहीं — यह संस्कारों की विरासत, शिक्षा की शक्ति और राष्ट्र निर्माण की चेतना का उत्सव है। यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि जब शिक्षा में संस्कार जुड़ते हैं, तब समाज स्वयं उज्ज्वल भविष्य गढ़ता है।

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