जयपुर। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को पकड़वाने वाले दो युवकों को सरकारी नौकरी मिलेगी। खास बात यह है कि सरकार अब तक इस मामले के एक मात्र चश्मदीद गवाह और पैरालिसिस के कारण एक साल से बिस्तर पर पड़े राजकुमार शर्मा के परिवार को स्थाई मदद अब तक नहीं मिल पाई है। परिवार के लोग लगातार गुहार लगा रहे हैं। वैसे भी इस हत्याकांड को लेकर सियासत जारी है। इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा के राष्ट्रीय नेता लगातार अपने भाषणों में उठाते आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पर लगातार सियासी फैसले ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में 63 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें प्रदेश में शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए 200 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटन करने का बड़ा फैसला लिया गया है। साथ ही, कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की सरकारी नौकरियों के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। मंत्रिमंडल ने राजकीय कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर बढ़ाने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के प्रस्तावों का अनुमोदन किया है।
200 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटित
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में शैक्षणिक उत्थान तथा सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए 200 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को छात्रावास, वृद्धाश्रम, सामुदायिक केन्द्र व अन्य सामाजिक कार्यों हेतु रियायती दर भूमि आवंटित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव के अनुमोदन से इन सभी संस्थाओं को अब आरक्षित दर की 10 प्रतिशत राशि पर भूमि आवंटित की जा सकेगी। साथ ही, मंत्रिमंडल ने पूर्व में स्वीकृत 45 ऐसे प्रकरणोें में भी यह प्रावधान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। जिन संस्थाओं ने राशि नहीं जमा करवाई है उन्हें भी 10 प्रतिशत आरक्षित दर पर भूमि आवंटित की जाएगी।
जयपुर में 29, जोधपुर में 44, उदयपुर में 27, कोटा में 21, बाड़मेर में 18, बीकानेर में 12, भीलवाड़ा में 10, भरतपुर में 9, अजमेर में 8, सवाई माधोपुर में 6, पाली में 5, सिरोही, केकड़ी व बालोतरा में 4-4, अलवर व हनुमानगढ़ में 3-3, जैसलमेर में 2 तथा श्रीगंगानगर, बूंदी, फलौदी, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़, दौसा व सीकर में सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटन करने का फैसला किया गया है। साथ ही, अन्य प्रकरणों में भारतीय सेना, रेलवे, पावरग्रिड सीकर ट्रांसमिशन लिमिटेड व विभिन्न संस्थाओं को भी आरक्षित दर पर भूमि आवंटन का निर्णय लिया है।
एसीपी योजना में कार्मिकों को मिलेंगे पदोन्नति पद के वेतनमान
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे चतुर्थ श्रेणी सेवा, मंत्रालयिक सेवा, अधीनस्थ सेवा एवं राज्य सेवा के समस्त कार्मिकों को 9, 18, 27 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण करने पर एसीपी योजना के अंतर्गत पदोन्नति पद का वित्तीय उन्नयन देय होगा। वर्ष 1992 के चयनित वेतनमान सम्बन्धी आदेश की तर्ज पर यह प्रावधान किया गया है। वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी, मंत्रालयिक सेवा, अधीनस्थ सेवा एवं एकल पदों की सेवाओं के कार्मिकों को उक्त सेवा अवधि पूर्ण करने पर आगामी पे-लेवल में एसीपी का लाभ दिया जा रहा था। वहीं, इस संशोधन से अब राज्य सेवा के अधिकारियों को भी 10, 20, 30 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 9, 18, 27 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का पे-लेवल प्राप्त हो सकेगा।
कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को मिलेगी सरकारी नौकरी
मंत्रिमंडल ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी दिए जाने के लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस स्वीकृति से ऐसे अनाथ बालक/बालिका नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे, जिनके जैविक अथवा दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता की मृत्यु कोविड के कारण 31 मार्च 2023 अथवा इससे पूर्व हो चुकी हो। साथ ही, ऐसे अनाथ बालक/बालिका, जिसके माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो चुकी हो तथा दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च 2023 या उससे पूर्व हुई हो एवं अनाथ होने के समय जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं हो, के भी वयस्क होने पर पे मैट्रिक्स एल-9 तक के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी।
कन्हैयालाल हत्याकांड प्रकरण में साहस दिखाने वाले युवकों को मिलेगी नौकरी
मंत्रिमंडल ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करवाने में सहयोग करने वाले दो युवक प्रह्लाद सिंह चुण्डावत एवं श
शक्ति सिंह चुण्डावत को नियमों में शिथिलन प्रदान कर कनिष्ठ सहायक के पद पर सरकारी नौकरी दिये जाने का निर्णय किया है। राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम-1999 में शिथिलन देकर दोनों को नियुक्ति दी जाएगी। इससे अदम्य साहस दिखाकर अपराधियों को पकड़वाने में सहायता करने वाले दोनों युवकों के साहस का सम्मान होगा तथा अन्य लोग भी इनसे प्रेरित होकर विषम परिस्थितियों में पहल कर पुलिस को सहयोग करने का साहस जुटा पाएंगे।
शेष एक सेवा नियम में ईडब्ल्यूएस को आयु सीमा में छूट
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को अब राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज में भी अन्य आरक्षित वर्गों के समान आयु सीमा में छूट मिलेगी। मंत्रिमंडल ने राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सर्विसेज (डायरेक्ट रिक्रूटमेंट बाय कंबाइंड कंपटीटिव एग्जामिनेशन) रूल्स 1991 में 16 अप्रैल 2021 को जारी अधिसूचना के प्रावधान को लागू करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उल्लेखनीय है कि उक्त सेवा नियम अप्रैल 2021 की अधिसूचना में शामिल होने से रह गया था। अब इस सेवा नियम में ईडब्ल्यूएस के पुरुष अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष एवं महिला अभ्यर्थियों को 10 वर्ष की छूट मिल सके
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