
उदयपुर। इस बार का दीपोत्सव जैसे उदयपुर शहर को एक नई ज़िन्दगी दे गया है। हर गली, हर मोड़, बहुरंगी रोशनी की चादर में लिपटा है, मानो शहर की रगों में भी एक नया जोश दौड़ रहा हो। धनतेरस से शुरू हुए इस पर्व ने शाम होते ही पूरे शहर को रौशन कर दिया।
“जलती शमाओं में बसी, ये रौशनी का जादू है,
उजाला है इस शहर में, जैसे खुदा का इरादा है।”
चाहे कोर्ट चौराहा हो या देहलीगेट, हर जगह की सजावट ने लोगों के दिलों में दीपोत्सव का जश्न और भी गहरा कर दिया है। यूडीए पुलिया पर की गई खास सजावट ऐसी है कि हर राहगीर की निगाहें वहां ठहर सी जाती हैं। फतहसागर पाल, सहेली मार्ग, सुखाड़िया सर्किल और विवि मार्ग पर रोशनी से नहाए स्वागत द्वार और झूमर हर किसी को अपनी ओर खींच रहे हैं।
बाज़ारों में दुकानदारों ने भी इस रंगीन मंजर में अपने हिस्से की रौनक जोड़ दी है। झूमर, झालर, और रंग-बिरंगी फर्रियों से सजी हर दुकान, हर गली शहर की इस खूबसूरती का हिस्सा बन गई है।
“सजदा किया है रौशनी का, हर कोना इस कदर संवर गया,
दीपों के इस हसीं जहाँ में, उदयपुर हीरों सा निखर गया।”
नगर निगम और विकास प्राधिकरण द्वारा की गई सजावट ने जैसे उदयपुर को एक जादुई नगरी में तब्दील कर दिया है। लोग इस दिलकश मंज़र का दीदार कर रहे हैं और हर पल की खूबसूरती को अपने दिलों में समेट रहे हैं।
About Author
You may also like
-
एसीबी की कार्रवाई में उदयपुर CMHO ऑफिस का अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
-
मध्यप्रदेश में दो कत्ल और एक सवाल : क्या औरत होना अब भी खता है?
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
जंगल के बीच एक जीवनदीप : डॉ. जेके छापरवाल और साथियों की 45 वर्षों की मौन साधना
-
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी गीता सामोता को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने प्रदान किया राष्ट्रपति प्रशंसा पत्र
अति उत्साह में पेड़ों पर लाइटें लगाने वालों को पहले अपने शयनकक्ष में ढेर सारी लाइटें लगा कर रात भर चालू रख कर सोने की आदत डालनी चाहिए । पेड़ सैंकड़ों पक्षियों के खुले शयनकक्ष हैं, यह भूलना पर्यावरण को हानि पहुँचाने का काम है।