उदयपुर। असम के राज्यपाल महामहिम गुलाबचंद कटारिया का 80वां जन्मदिन कुछ खास बनने जा रहा है। वे भले ही संवैधानिक पद पर हो, लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ता, दावेदार, पदाधिकारी उन्हें अपना प्रेरणा स्त्रोत मानती है इसीलिए संवैधानिक मर्यादाओं को छोड़ कर राज्यपाल महोदय का जन्मदिन अपने नेता के रूप में मना रहे हैं। बीजेपी जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली ने पूरा कार्यक्रम जारी किया है।
बहरहाल पिछले 40 सालों में यह पहला मौका है, जब अपने आदर्श नेता के जन्मदिन पर बीजेपी के तमाम दावेदारों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। इस बार परिस्थिति कुछ अलग है, अब तक संगठन में पद पाने के लिए कोशिश की जाती रही है, लेकिन इस बार सभी नेता टिकट पाने की दौड़ में है। उन्हें मालूम है कि महामहिम की सिफारिश के बिना टिकट पाना बहुत मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। जन्मदिन ही एक ऐसा मौका है, जब उनके करीबी बनने का अभिनय किया जा सकता है।
13 अक्टूबर सुबह से ही दावेदार और अभिनेता बनकर दौड़ भाग शुरू कर देंगे। जब तक आप यह खबर पड़ेंगे, तब तक आपको यह दृश्य शहर में दिखाई दे जाएगा।
महामहिम राजनीति के सचिन तेंदुलकर हैं, हर दावेदार की कुंडली उनके पास है। जरूरत पढ़ने पर वो उन्हें आईना भी दिखा सकते हैं। वे अपने भाषणों में इस बात का भी संदेश दे सकते हैं कि चुनाव कौन लड़ सकता है या कौन उनका 30 सालों से टेस्टेड कार्यकर्ता है। कुछ दावेदार खुद को करीबी रिश्तेदार मानकर भी दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन कटारिया के काम करने की स्टाइल कुछ अलग है, वो एक हाथ से काम करते हैं तो दूसरे को मालूम नहीं चलने देते हैं।
सच यह है कि एक रिश्तेदार खूब करीब रहे, वो दूर हुए तो दूसरे करीब आ गए। तीसरे को मौका ही नहीं मिला। चौथे की नाराजगी को कटरिया खुद दूर नहीं कर पाए।
बहरहाल कटारिया को समझ पाना या उन्हें पढ़ पाना छुट भैया नेताओं के बस की बात नहीं है।
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