वन नेशन-वन इलेक्शन : विकास का स्पीड ब्रेकर हटाने की जरूरत — सुनील बंसल

फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। उदयपुर में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने बार-बार होने वाले चुनावों को देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोध बताया। उन्होंने कहा कि यदि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो इससे न केवल आर्थिक संसाधनों की बचत होगी, बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया भी अधिक स्थिर और प्रभावी होगी।

सुनील बंसल ने जोर देकर कहा कि वर्तमान में हर साल होने वाले चुनावों से सरकारें निर्णय लेने की स्थिति में नहीं रह पातीं। “हर छह महीने में कोई न कोई चुनाव होने से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व मंत्री वर्ग लगातार प्रचार में व्यस्त रहते हैं, जिससे योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन बाधित होता है।”

उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि एक लोकसभा चुनाव पर ₹1.35 लाख करोड़ खर्च होता है, जबकि पूरे चुनावी चक्र में यह खर्च 5 लाख करोड़ तक पहुंच जाता है। “एक वोट पर सरकार करीब ₹1400 खर्च करती है। बार-बार चुनाव से ये खर्च कई गुना बढ़ जाते हैं,” उन्होंने कहा।

बंसल का मानना है कि एक साथ चुनाव से न केवल खर्च में कटौती होगी, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। एक करोड़ कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी की जगह उन्हें विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा। उन्होंने इस मॉडल को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आवश्यक कदम बताया।

राजनीतिक स्थिरता, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने खुलकर बात की। बंसल ने कहा कि बार-बार चुनावों से राजनीतिक वैमनस्य और जातिगत ध्रुवीकरण को बल मिलता है, जबकि एक साथ चुनाव से नीतिगत फैसले मजबूत होंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

कार्यक्रम में उदयपुर सांसद, विधायकगण, भाजपा पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। मंच से बंसल ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे इस मुद्दे को जन-जन तक लेकर जाएं और इसे जन आंदोलन का रूप दें।

वन नेशन, वन इलेक्शन की अवधारणा लंबे समय से चर्चा में है, लेकिन इसे अमल में लाना राजनीतिक सहमति और संवैधानिक संशोधनों की मांग करता है। सुनील बंसल की ओर से इसे “विकास का स्पीड ब्रेकर हटाने वाला उपाय” बताया जाना भाजपा की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। हालांकि, विपक्षी दल इसे केंद्र द्वारा सत्ता केंद्रीकरण की कोशिश मानते रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या एक राष्ट्र-एक चुनाव से लोकतांत्रिक विविधता बनी रहेगी या यह राजनीतिक बहस का एक और लंबा अध्याय बनकर रह जाएगा?

भाजपा मीडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल एवं सह प्रभारी अशोक आमेटा ने बताया कि मंच पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ सांसद प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा, प्रदेश मंत्री मिथिलेश गौतम, कार्यक्रम के संभाग प्रभारी सोहन आंजना, प्रदेश टोली के सदस्य रवींद्र श्रीमाली सह प्रभारी दिनेश शर्मा, शैलेंद्र चौहान, कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी,डॉ मन्नालाल रावत, शहर विधायक ताराचंद जैन ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा निंबाहेड़ा विधायक श्री चंद कृपलानी जिला प्रभारी बंशीलाल खटीक, राजस्थान उच्च न्यायालय के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल पूर्व महापौर गोविंद सिंह टांक, चंद्र सिंह कोठारी रजनी डांगी युधिष्ठिर कुमावत, पूर्व कुलपति डॉ उमाशंकर शर्मा पूर्व उप महापौर पारस सिंघवी लोकेश द्विवेदी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद सामर, पूर्व विधायक वंदना मीणा पूर्व जिला अध्यक्ष मांगीलाल जोशी, जिला उपाध्यक्ष तखत सिंह शक्तावत ओबीसी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश शर्मा सहित बड़ी संख्या में जिला प्रदेश के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंच सहयोग़ के तौर पर पूर्व मंडल अध्यक्ष देवीलाल सालवी सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष पंकज बोराणा पूर्व जिला मंत्री कृष्णकांत कुमावत, डॉ ओम पारीक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्री प्रमोद सामर ने धन्यवाद की रस्म सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने प्रदान की।
अंत में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पुराने कार्यकर्ताओं द्वारा श्री सुनील बंसल को अभिनंदन पत्र भेंट किया गया जिसका वाचन केके कुमावत द्वारा किया गया।
अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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