“पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का बयान : सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए प्रशासन और सरकार का आभार”



उदयपुर। सिटी पैलेस में धूणी दर्शन को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर टिप्पणी करते हुए उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सरकार और प्रशासन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने मामले को शांति और संयम से संभालते हुए किसी भी प्रकार की हिंसा या अराजकता को रोकने में सफलता प्राप्त की।

“सौहार्द और संयम बनाए रखने की प्रशंसा”

लक्ष्यराज सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, *”मैं सरकार और प्रशासन का शुक्रिया करना चाहता हूं। हर व्यक्ति ने सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखा और गुंडागर्दी का माहौल नहीं बनने दिया। “उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक व्यक्ति विशेष के घमंड और गुरूर के कारण आम जनता को परेशान होना पड़ा, लेकिन प्रशासन की समझदारी और संतुलित दृष्टिकोण ने स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभाला।

“इज्जत और कदर की अहमियत”

अपने बयान में लक्ष्यराज सिंह ने पूरे विवाद के संदर्भ में इज्जत और कदर को मुख्य विषय बताया। उन्होंने कहा, “पहले दिन से यही कह रहे हैं कि हजारों लोगों को लेकर दरवाजे पर खड़े हो जाओ और घुस जाओ। लेकिन प्रशासन ने संयम का परिचय दिया।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि सहनशीलता को कमजोरी न समझा जाए। उनका कहना था, “बेवजह हिंसा के प्रशंसक हम भी नहीं हैं, पर दुनिया को यह समझना पड़ेगा कि यह समाज नपुंसक नहीं है।”

“व्यक्ति विशेष पर निशाना”

अपने बयान में लक्ष्यराज ने अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति विशेष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके घमंड और गुरूर के चलते ही जनता को परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अब शहर दोबारा शांतिपूर्ण माहौल में लौटेगा।

संयम और सौहार्द की मिसाल
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का यह बयान मेवाड़ की परंपरा और गरिमा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विवाद न केवल प्रशासन और सरकार के संयम का परीक्षण था, बल्कि समाज में शांति और न्याय की महत्ता को भी उजागर करता है।
उनके शब्द न केवल परंपरा और इतिहास की रक्षा के लिए उनके दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि सामाजिक सौहार्द और संयम किसी भी चुनौती से ऊपर है।

यह घटनाक्रम न केवल उदयपुर, बल्कि पूरे मेवाड़ के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि आस्था, परंपरा और इज्जत को बनाए रखना ही किसी भी समाज की सबसे बड़ी ताकत है।

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