विदाई की वो सुबह जो कोई नहीं चाहता था…

सोमवार सुबह उदयपुर (कठार) के तीज का चौक, मंडी में एक ऐसा सन्नाटा पसरा, जिसने हर दिल को चीर दिया। रविश कोठीफोड़ा, सुपुत्र बसंतीलाल कोठीफोड़ा, अब हमारे बीच नहीं रहे।

कैंसर की लंबी और तकलीफ़देह जंग लड़ते हुए भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
हर दिन मुस्कुराकर, अपनों का हौसला बढ़ाते रहे, मानो खुद दर्द में नहीं बल्कि जीवन का उत्सव मना रहे हों।

मगर नियति को शायद कुछ और मंज़ूर था…

4 अगस्त 2025, सोमवार की सुबह, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
अंतिम यात्रा 5 अगस्त मंगलवार को प्रातः 9 बजे उनके निवास स्थान तीज का चौक, मंडी से अशोक नगर मोक्ष धाम के लिए रवाना होगी।

उनका यूं अचानक कम उम्र में चला जाना, परिवार और दोस्तों के लिए सिर्फ एक अपूरणीय क्षति नहीं, बल्कि जीवनभर की टीस है।

किसी ने उन्हें एक सच्चा बेटा कहा, किसी ने आदर्श मित्र…
और अब, सबकी आंखों में बस उनकी यादें और आंसुओं का सैलाब है।

रविश, तुमने ज़िंदगी को पूरे साहस से जिया…
आज तुम्हें विदा करते हुए, हर दिल बस यही कह रहा है—
“तुम हमारी यादों में हमेशा ज़िंदा रहोगे।”

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