लंदन का ओवल। आसमान में हल्के बादल, ठंडी हवा के झोंके, और हज़ारों दर्शकों की गूंज के बीच पांचवें दिन का पहला सत्र शुरू होता है। स्कोरबोर्ड पर इंग्लैंड का स्कोर 367… ज़रूरत सिर्फ 7 रनों की, और भारत को बस एक विकेट। यह मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि इज्ज़त, जज़्बे और सीरीज़ को बचाने की जंग थी।
पहली पारी : संघर्ष की नींव
भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की और 224 रन पर ढेर हो गया। इंग्लैंड के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ़ था, लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की जोड़ी ने उनकी उम्मीदों में सेंध लगा दी। चार-चार विकेट चटकाकर उन्होंने इंग्लैंड को 247 रन पर रोक दिया। पहली पारी में बढ़त छोटी थी, लेकिन यही भारत की वापसी का पहला कदम था।
यशस्वी का शतक और लक्ष्य का पहाड़
दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल का बल्ला गरज उठा। मैदान में उनकी हर स्ट्रोक के साथ भारतीय दर्शकों के दिलों में उम्मीदें जग रही थीं। 118 रनों की बेमिसाल पारी, और फिर आकाशदीप, जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की हाफ सेंचुरियों ने भारत को 396 रन तक पहुंचा दिया।
अब इंग्लैंड के सामने था 374 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य।
इंग्लैंड की तेज़ शुरुआत, भारत की वापसी
लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने पहले तीन विकेट जल्दी गंवा दिए। सिराज ने ज़ैक क्रॉली और ओली पोप को चलता किया, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने एक और झटका दिया। स्कोर 106/3… भारत का पलड़ा भारी लग रहा था।
ब्रुक-रूट की साझेदारी : भारत की धड़कनें तेज़
तभी क्रीज़ पर आए हैरी ब्रुक और जो रूट। दोनों ने जैसे भारतीय गेंदबाज़ों को भूल ही जाने पर मजबूर कर दिया कि विकेट कैसे गिरते हैं। चौथे दिन लंच और टी ब्रेक के बीच 153 रन, ब्रुक का सिर्फ 91 गेंदों में शतक, और साझेदारी 195 रन की। स्टेडियम में इंग्लैंड के दर्शकों की आवाज़ भारत के सपनों को डुबोने लगी थी।
वो कैच जिसने दिल दहला दिया
स्कोर 137/3 था, जब प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर ब्रुक ने पुल शॉट खेला। गेंद हवा में डीप फाइन लेग की तरफ गई, और वहां खड़े थे मोहम्मद सिराज। उन्होंने कैच लपक लिया, जश्न भी शुरू कर दिया, लेकिन तभी… उनका पैर बाउंड्री से टकरा गया। आउट की जगह छक्का!
ब्रुक को मिला जीवनदान, और भारत को लगा झटका।
अंतिम सुबह : सांसों को रोक देने वाला रोमांच
पांचवें दिन, इंग्लैंड को जीत के लिए 67 रन चाहिए थे और भारत को सिर्फ़ 4 विकेट। सिराज और कृष्णा ने गेंद थामी। हर गेंद, हर रन पर स्टेडियम में सन्नाटा और फिर शोर गूंजता। सिराज ने हैरी ब्रुक को 128 पर आउट किया, फिर कृष्णा ने रूट (145) का अंत किया। आख़िरी बल्लेबाज़ तक मैच खिंच गया।
स्कोर 367, और भारत को चाहिए सिर्फ़ एक विकेट। कृष्णा की गेंद, एज लगा, और स्लिप में खड़े जडेजा ने कैच लपक लिया। ओवल का आसमान भारत की जीत के नारों से गूंज उठा।
सिरीज़ में जान फूंक दी
6 रन से जीत! पांच मैचों की सीरीज़ अब 2-2 से बराबर। शुभमन गिल सिरीज़ के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने, जबकि सिराज सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़। यह मुकाबला आने वाले सालों तक याद रखा जाएगा — क्योंकि भारत ने सिर्फ़ मैच नहीं जीता, बल्कि हार के मुंह से जीत छीन ली।
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