
उदयपुर। शहर के ब्रह्मपोल के बाहर वाक़े दरगाह हज़रत इमरत रसूल शाह बाबा के तीन रोज़ा 134वें उर्स का आग़ाज़ गुरुवार को बाद नमाज़-ए-असर 5:30 बजे परचम कुशाई की पुररौनक रस्म के साथ हुआ। इस मुबारक मौके पर दरगाह कमेटी के सदर हाजी सरवर ख़ान और सेक्रेट्री शादाब ख़ान ने परचम कुशाई की रस्म अदा की।
दरगाह कमेटी के प्रवक्ता मोहसिन हैदर के मुताबिक़ इस मौके पर नायब सदर मुबारिक ख़ान, एडवोकेट तनवीर इक़बाल, पूर्व सदर मोहम्मद यूसुफ़, मोहम्मद शब्बीर और इमरान ख़ान समेत सैंकड़ों अकीदतमंद मौजूद रहे। इस मुबारक मौके पर फातिहा ख्वानी की गई और सलातो सलाम पेश किया गया, जिसमें मुल्क की सलामती, अमन-ओ-चैन और भाईचारे की दुआएं की गईं।
नमाज़-ए-मगरिब के बाद अकीदतमंदों के दरमियान लंगर तक़सीम किया गया, जिससे अकीदतमंदों के बीच इश्क़-ओ-अकीदत की रूहानी फिज़ा मुनव्वर हो गई। बाद नमाज़-ए-इशा, मुकामी नातख्वान और मिलाद पार्टी ने नातिया कलाम पेश किया, जिससे फिज़ा में रूहानियत और बढ़ गई। महफिल-ए-कव्वाली:
शुक्रवार, 6 सितंबर 2024 को बाद नमाज़-ए-इशा दरगाह में महफिल-ए-समां का इनइक़ाद होगा, जिसमें मशहूर कव्वाल अपनी पुरसोज़ आवाज़ में कव्वाली पेश करेंगे। ये महफिल अकीदतमंदों के दिलों में इश्क-ए-इलाही की लौ को और रौशन करेगी।
महफिल-ए-कव्वाली:
शुक्रवार, 6 सितंबर 2024 को बाद नमाज़-ए-इशा दरगाह में महफिल-ए-समां का इनइक़ाद होगा, जिसमें मशहूर कव्वाल अपनी पुरसोज़ आवाज़ में कव्वाली पेश करेंगे। ये महफिल अकीदतमंदों के दिलों में इश्क-ए-इलाही की लौ को और रौशन करेगी।
मुल्क में अमन-ओ-सुकून और भाईचारे के लिए की गई दुआएं यकीनन दरगाह की बरकतों से मुस्तजाब होंगी।
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