हिमाचल प्रदेश : बिलासपुर में लैंडस्लाइड की चपेट में आई बस, 15 लोगों की मौत, कई घायल

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में मंगलवार को हुए एक भीषण भूस्खलन (लैंडस्लाइड) में एक प्राइवेट बस चपेट में आ गई, जिसमें अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे में 18 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें से तीन गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हादसा झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बालूघाट के पास हुआ, जब तेज़ बारिश के कारण पहाड़ी दरक गई और मलबा सीधे सड़क पर आ गिरा। उसी वक्त वहां से एक बस गुजर रही थी जो मलबे में दब गई।

हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया, “यह एक बेहद दुखद हादसा है। अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। 18 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से तीन को अस्पताल भेजा गया है। बस में सवार लोगों की संख्या का अभी सटीक आंकड़ा नहीं मिला है, लेकिन अनुमान है कि 25 से 30 लोग बस में थे। मैं खुद घटनास्थल पर जा रहा हूँ।”

मुख्यमंत्री सुक्खू ने जताया शोक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “बिलासपुर ज़िले के झंडूता क्षेत्र में हुए भीषण भूस्खलन की ख़बर ने मन को झकझोर दिया है। राज्य सरकार इस कठिन घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश भी दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक्स पोस्ट में कहा गया, “हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुए हादसे में जनहानि से दुखी हूं। इस मुश्किल घड़ी में प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।”

पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर मौजूद हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। घटनास्थल पर मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है ताकि दबे हुए लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।

हिमाचल के गृह विभाग ने बताया कि बचाव कार्य में खराब मौसम और लगातार गिरते पत्थर बाधा बन रहे हैं। फिलहाल सड़क को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और आसपास के इलाकों को खाली कराया जा रहा है।

पिछले दो दिनों से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बारिश और बर्फ़बारी जारी है। इससे भूस्खलन और सड़क हादसों की घटनाएँ बढ़ गई हैं।
मंगलवार को मनाली, मंडी, चंबा और बिलासपुर सहित कई क्षेत्रों में बारिश और बूंदाबांदी देखने को मिली। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में भूस्खलन के चलते हुआ दर्दनाक बस हादसा बेहद पीड़ादायक है। राज्य सरकार युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। हम शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके साथ खड़े हैं।”

प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाएं

हिमाचल प्रदेश पिछले कुछ वर्षों में लगातार भूस्खलन, बाढ़ और सड़क हादसों से जूझ रहा है। राज्य के कई पहाड़ी ज़िलों में लगातार हो रहे निर्माण कार्यों और बारिश के बढ़ते दबाव के कारण ज़मीन की स्थिरता कम हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि असंतुलित विकास, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन ने इन घटनाओं की तीव्रता को और बढ़ा दिया है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे खराब मौसम में अनावश्यक यात्रा न करें और पहाड़ी मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतें।

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