मणिपुर के इम्फाल पश्चिम जिले के लामसांग में सीआरपीएफ कैंप में गुरुवार की रात हुई एक दुखद घटना ने सुरक्षा बलों में शोक की लहर दौड़ा दी। सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने ही साथियों पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में दो जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद, आरोपी जवान ने खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने दी जानकारी
मणिपुर पुलिस ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर साझा की। पुलिस के मुताबिक, यह घटना रात करीब 8 बजे सीआरपीएफ कैंप के भीतर हुई।
पोस्ट में लिखा गया, “लामसांग स्थित सीआरपीएफ कैंप के अंदर एक जवान ने गोलीबारी की, जिसमें दो जवानों की जान चली गई और आठ अन्य घायल हो गए। इसके बाद आरोपी ने खुद को गोली मारकर अपनी जान ले ली।”
घायलों का इलाज जारी
घटना में घायल जवानों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति को लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
क्या हो सकता है कारण?
हालांकि, इस घटना के पीछे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मानसिक तनाव या आपसी विवाद का नतीजा हो सकता है।
सुरक्षा बलों में तनाव का मुद्दा
यह घटना सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों में जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में इजाफा हुआ है, जो सुरक्षा बलों के भीतर तनाव और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को उजागर करती हैं।
आगे की जांच जारी
मणिपुर पुलिस और सीआरपीएफ की उच्चस्तरीय टीमें मामले की जांच में जुटी हैं। घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और साथी जवानों से पूछताछ की जा रही है।
यह दुखद घटना न केवल सुरक्षा बलों के भीतर के हालात पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि जवानों की मानसिक और भावनात्मक भलाई सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।
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