
तेहरान/वॉशिंगटन। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ईरानी जनता किसी भी धमकी से डरने वाली नहीं है और अमेरिका के किसी भी सैन्य हस्तक्षेप का करारा जवाब दिया जाएगा।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने एक बयान में कहा, “जो लोग ईरान, इसके इतिहास और यहां की जनता को समझते हैं, वे इस देश से कभी भी धमकी की भाषा में बात नहीं करते। ईरानी वो लोग नहीं हैं जो आत्मसमर्पण कर दें।”
ख़ामेनेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सीधा हमला करते हुए कहा, “वे हमें धमका रहे हैं। बेबुनियाद बयानबाज़ी के ज़रिए वे ईरानी जनता से सरेंडर की मांग कर रहे हैं। उन्हें उन लोगों को धमकी देनी चाहिए जो डरते हैं। ईरानी ऐसी धमकियों से नहीं डरते।”
इससे पहले मंगलवार की रात डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ‘ट्रुथ सोशल’ अकाउंट पर धमकी भरे अंदाज़ में लिखा था कि, “हमें अच्छी तरह से पता है कि तथाकथित सुप्रीम लीडर कहां छिपे हैं। वो एक आसान निशाना हैं, लेकिन फ़िलहाल सुरक्षित हैं। हम उन्हें अभी हटाने नहीं जा रहे, कम से कम इस वक्त तो नहीं। मगर हम यह भी नहीं चाहेंगे कि अमेरिकी नागरिकों या सैनिकों पर मिसाइलें दागी जाएं। हमारा सब्र अब खत्म होता जा रहा है।”
गौरतलब है कि बीते 13 जून को इसराइल ने ईरान के कथित परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद से ईरान और इसराइल के बीच तनाव चरम पर है। इसी पृष्ठभूमि में अमेरिका और ईरान के बीच बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है।
ईरान ने इसराइल के हमले के जवाब में तीखी चेतावनी दी है और अपने प्रतिरोध की नीति को दोहराया है। वहीं अमेरिकी प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि यदि उसके सैनिकों या नागरिकों पर कोई हमला हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मध्य-पूर्व में बढ़ते इस तनाव से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह जुबानी जंग जमीनी संघर्ष में बदलती है तो पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस सकता है।
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