इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को एक बड़ा कथित आतंकवादी हमला हुआ, जब हथियारबंद लोगों ने जाफर एक्सप्रेस पर धावा बोल दिया। चार सौ से अधिक यात्रियों को लेकर जा रही इस ट्रेन को हमलावरों ने रोक लिया, जिसकी जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है।
हमले की शुरुआत और बंधकों की रिहाई
बीएलए ने दावा किया कि उन्होंने सिब्बी ज़िले में रेलवे ट्रैक को विस्फोट कर उड़ा दिया, जिसके बाद ट्रेन पर हमला किया गया। संगठन का कहना है कि ट्रेन अब उनके कब्ज़े में है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की कि महिलाओं और बच्चों सहित कुल 80 यात्रियों को शाम को छोड़ दिया गया।
बलूचिस्तान रेलवे के अधिकारी मुहम्मद काशिफ़ ने बताया कि ट्रेन में 400-500 यात्री सवार थे। वहीं, रेलवे सुरक्षा अधिकारी जिया काकर ने कहा कि क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या के चलते ट्रेन चालक दल से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई और अस्पतालों में अलर्ट
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि सुरक्षा बलों को घटनास्थल की ओर रवाना कर दिया गया है। पहाड़ी और दुर्गम इलाका होने के कारण सुरक्षा बलों को वहाँ पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, रेलवे विभाग की ओर से एक राहत ट्रेन घटनास्थल पर भेजी गई है। सिब्बी और क्वेटा के बड़े अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और विशेष वार्ड बनाए गए हैं।
बलूचिस्तान में अलगाववाद और बीएलए की भूमिका
बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष करता रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि 1947 में उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया था, जबकि वे खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे।
बीएलए, जो पहली बार 1970 के दशक में अस्तित्व में आई, 2000 में फिर से सक्रिय हुई। इस संगठन पर सरकारी प्रतिष्ठानों और सुरक्षा बलों पर हमले करने के आरोप लगते रहे हैं। बीएलए विशेष रूप से बलूचिस्तान के संसाधनों पर स्थानीय लोगों का हक़ होने की मांग करता है और पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के प्रभाव का विरोध करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति
यह हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सुरक्षा संकट बन सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा, यह देखने वाली बात होगी। इस बीच, पाकिस्तानी सेना की अगली रणनीति पर भी सबकी नज़रें टिकी हुई हैं।
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