वाशिंगटन।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक नया बयान फिर चर्चा में है। उन्होंने कहा है कि सोमवार को व्हाइट हाउस में होने वाली उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस वाशिंगटन, डीसी में हिंसक अपराध “अनिवार्य रूप से” खत्म कर देगी।
सुनने में यह किसी फिल्मी डायलॉग जैसा लगता है — एक प्रेस कॉन्फ्रेंस, और अपराध गायब? सवाल तो बनता है कि क्या यह सचमुच संभव है या सिर्फ राजनीतिक शो?
ट्रंप क्या कह रहे हैं?
ट्रंप का कहना है कि वाशिंगटन दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में बदल गया है और वह इसे सबसे सुरक्षित बना देंगे। उन्होंने पहले ही वाशिंगटन की सड़कों पर संघीय पुलिस और एजेंसियां भेजने का ऐलान कर दिया है। शुरुआत सात दिनों के लिए होगी, लेकिन जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया जा सकता है।
हाल की घटनाओं ने आग में घी डाला
कुछ दिन पहले एक सरकारी विभाग के कर्मचारी एडवर्ड कोरिस्टीन पर किशोरों के एक समूह ने हमला किया। दो 15 साल के लड़के पकड़े गए, बाकियों की तलाश जारी है। इसके बाद ट्रंप ने धमकी दी कि अगर डीसी प्रशासन ने जल्दी कदम नहीं उठाए तो वह शहर की पुलिस की कमान खुद संभाल लेंगे।
लेकिन आँकड़े क्या कहते हैं?
यहीं पर कहानी पलट जाती है। 2023 से 2024 के बीच वाशिंगटन में हिंसक अपराध 35% घटा है — यानी तीन दशकों में सबसे बड़ी गिरावट। इस साल के पहले 8 महीने में अपराध में 26% कमी आई है।
तो अगर अपराध पहले ही घट रहा है, तो अचानक इतना बड़ा संघीय हस्तक्षेप क्यों?
क्या ट्रंप हालात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं ताकि खुद को “सख्त कानून वाले नेता” की छवि में दिखा सकें?
स्थानीय बनाम संघीय झगड़ा
वाशिंगटन, डीसी पूरी तरह से एक राज्य नहीं है, लेकिन यहां के लोगों को सीमित “होम रूल” यानी अपना मेयर और काउंसिल चुनने का अधिकार है। ट्रंप कहते हैं कि वे “होम रूल” खत्म करने पर भी विचार कर रहे हैं और नेशनल गार्ड बुला सकते हैं।
स्थानीय नेता कह रहे हैं — हमारे शहर पर फैसला हम करेंगे, न कि व्हाइट हाउस।
यह बहस नई नहीं है, लेकिन इस बार मामला कानून-व्यवस्था के बहाने सीधे लोकतांत्रिक अधिकारों तक पहुंच गया है।
राजनीतिक खेल?
ट्रंप के पुराने सहयोगी विलियम मैकगिनले कहते हैं कि यह कदम राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए सही है। लेकिन आलोचकों का मानना है कि यह असल में चुनावी राजनीति है — अपराध का डर दिखाकर जनता को भरोसा दिलाना कि “ट्रंप आएंगे तो सब ठीक हो जाएगा।”
क्या असर पड़ेगा?
स्थानीय लोकतंत्र पर चोट – अगर “होम रूल” कमजोर हुआ तो डीसी के लोग खुद अपने शहर का फैसला नहीं कर पाएंगे। कानून व्यवस्था में उलझन – स्थानीय पुलिस और संघीय एजेंसियों का टकराव बढ़ सकता है। राजनीतिक ध्रुवीकरण – समर्थक इसे सख्त कार्रवाई मानेंगे, विरोधी इसे सत्ता हथियाने का तरीका कहेंगे।
नतीजा
ट्रंप का दावा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हिंसक अपराध खत्म कर देगी, सुनने में तो दमदार है, लेकिन हकीकत में अपराध खत्म करने के लिए लंबी योजना, सामुदायिक काम और न्याय व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत होती है।
जब आंकड़े पहले ही अपराध घटने की गवाही दे रहे हों, तो यह सवाल उठना लाजिमी है —क्या यह कदम वाकई अपराध रोकने के लिए है, या फिर यह सिर्फ चुनावी राजनीति का नया हथियार है?
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