दिल्ली के मजनू का टीला में डबल मर्डर : दोस्ती की दरार बनी खून का दरिया, 6 महीने की मासूम भी नहीं बख्शी गई

 

दिल्ली की दोपहर, जब सड़कें गर्मी और सन्नाटे के बीच अपनी रफ्तार से चल रही थीं, अचानक एक फ़ोन कॉल ने सिविल लाइन थाने की हवा बदल दी। मजनू का टीला इलाके से सूचना आई—एक घर के फर्स्ट फ्लोर पर लड़की और एक छह महीने की बच्ची मृत पड़ी हैं। पुलिस की टीम, फॉरेंसिक यूनिट और क्राइम ब्रांच तुरंत मौके की ओर रवाना हो गई।

करीब 1:30 बजे पुलिस उस घर में दाख़िल हुई। दरवाज़ा खुलते ही भीतर की खामोशी और खून की गंध ने सबको रोक दिया। फर्श पर बिखरा खून, दीवारों पर छींटे और बीच में पड़ी 22 साल की युवती का शव—गला गहरे कट के साथ। उसके पास ही छोटी बच्ची, जिसके गले पर भी वही बेरहम वार के निशान।

मृतका का नाम सोनम था। कुछ ही घंटों में पुलिस को एक नाम पर शक गहराने लगा—निखिल। वह सोनम का दोस्त था और घटना के बाद से गायब था। आसपास के लोगों ने बताया कि सोनम और निखिल के बीच पिछले कुछ समय से रिश्ते बिगड़ गए थे। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते, मुलाक़ातें कम हो गईं। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि बात यहां तक पहुंच जाएगी।

हत्या में मारी गई बच्ची की मां का दर्द शब्दों में बयान करना मुश्किल है। वह रोते हुए कहती है—”मेरी दो बेटियां हैं। बड़ी को स्कूल लेने गई थी, छोटी को सोनम के पास छोड़ गई थी। लौटकर देखा तो… मेरी बच्ची अब नहीं रही।” उसकी कांपती आवाज़ और डबडबाई आंखें इस वारदात की बेरहमी बयान कर रही थीं।

पूरी गली में दहशत का माहौल था। लोग घरों से बाहर निकलकर एक-दूसरे से फुसफुसा रहे थे। किसी के चेहरे पर हैरानी, किसी की आंखों में डर। एक बुजुर्ग ने कहा—”ऐसा खून हमने टीवी पर देखा था, पर अपने सामने नहीं। बच्ची का क्या कसूर था?”

पुलिस ने तुरंत निखिल की तलाश शुरू कर दी। इलाके के सभी CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, फोन रिकॉर्ड्स और चैट हिस्ट्री निकाली जा रही है। जांच में यह शक गहराता जा रहा है कि हत्या पहले से योजना बनाकर की गई थी। वारदात के बाद आरोपी सीधा फरार हो गया, जिससे यह साफ है कि उसे बच निकलने की तैयारी थी।

जांच अधिकारी बताते हैं कि आरोपी के रूट का पता लगाया जा रहा है और आसपास के सभी लोगों से पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही निखिल का ठिकाना मिल जाएगा।

मजनू का टीला की इस वारदात ने दिल्ली में एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या अब दोस्ती और भरोसे के रिश्तों में भी सुरक्षा की गारंटी नहीं रही? दिनदहाड़े, रिहायशी इलाके में, मासूम बच्ची और उसकी देखभाल कर रही युवती की हत्या—यह सिर्फ एक जुर्म नहीं, बल्कि समाज की संवेदनाओं पर गहरा वार है।

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