जैसलमेर की बेटी डीएसपी श्रीमती चेतना भाटी महानिदेशक आपदा पदक से सम्मानित…एक गर्व से भरी कहानी…

“जुनून हो अगर सीने में, तो वर्दी भी सलाम करती है,
जो बेटियाँ लड़ती हैं वक़्त से, वो इतिहास में नाम करती हैं…”

उदयपुर। 76वें राजस्थान पुलिस दिवस पर जैसलमेर की बेटी, पुलिस अधिकारी श्रीमती चेतना भाटी को महानिदेशक आपदा पदक से सम्मानित किया गया। ये सम्मान उन्हें कोरोना काल में दी गई उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए प्रदान किया गया — और ये वही चेतना हैं जिन्होंने देश को दिया, वो अमर नारा —”बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”।

“मुश्किलों से जो टकरा जाए, वो ही असली अफ़सर कहलाए,
जो लोगों की सेवा में खुद को मिटा दे, वो दीप बनकर जल जाए…”

उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राजेश मीणा साहब ने खुद उनके सेवा समर्पण को सराहा और उन्हें यह पदक प्रदान किया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी दो बार चेतना भाटी को डीजीपी डिस्क से नवाज़ा जा चुका है। ये तीसरी बार है जब वो महानिदेशक स्तर का पुरस्कार अपने नाम कर रही हैं।

“हर बार जब वर्दी मुस्कुराती है,
किसी माँ की दुआ असर दिखाती है,
चेतना जैसी बेटियाँ जब आगे बढ़ती हैं,
तो राजस्थान की रेत भी इंक़लाब बन जाती है…”

आज चेतना भाटी सिर्फ अफसर नहीं, एक प्रेरणा, एक रूख़ बदलती लहर हैं।
उनकी मेहनत, मानवता और हौसले ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची सेवा के लिए सिर्फ हथियार नहीं, एक संवेदनशील दिल भी चाहिए।

“वो सिर्फ कानून की रखवाली नहीं, उम्मीदों की भी पहरेदार हैं,
हर बेटी के ख्वाबों की उड़ान की, वो आज एक मजबूत दीवार हैं…”

About Author

Leave a Reply