फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उदयपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में आयोजित “बेटी राष्ट्र का सम्मान” संगोष्ठी में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि “बदलते परिवेश में पुरुष प्रधान समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज में महिलाओं को सम्मान, समानता और सुरक्षा मिलनी चाहिए।
महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में तेजी
डॉ. बाघमार ने कहा कि अब न्यायालय महिलाओं और बच्चियों को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में प्रभावी कदम उठा रहा है, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण से जुड़े कानूनों में कुछ बदलाव की आवश्यकता है ताकि पीड़ित बच्चियों को उनके परिवार से दूर किए बिना सुरक्षा दी जा सके।
अधिवक्ता परिषद और बार एसोसिएशन का संयुक्त आयोजन

बार एसोसिएशन उदयपुर एवं अधिवक्ता परिषद उदयपुर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी में वाणिज्यिक न्यायालय के न्यायाधीश महेंद्र कुमार दवे, अपर जिला न्यायाधीश दमयंती पुरोहित, अधिवक्ता परिषद की प्रांत उपाध्यक्ष वंदना उदावत सहित कई न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता उपस्थित रहे।
महिला अधिवक्ताओं का सम्मान
इस अवसर पर वरिष्ठतम महिला अधिवक्ताओं को मोमेंटो और उपरणा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रभान सिंह शक्तावत ने कहा कि “महिला शक्ति पहले भी सशक्त थी, आज भी है और आगे भी रहेगी।”
कार्यक्रम का संचालन विष्णु शंकर पालीवाल ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन महासचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने किया। इस आयोजन में सैकड़ों अधिवक्ता एवं न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के इस संदेश को और अधिक प्रभावशाली बनाने का संकल्प लिया।
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