
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विधायक कंवरलाल के मामले पर कांग्रेस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से मुलाकात कर विधायक कंवरलाल की सदस्यता तत्काल रद्द किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि राज्य के महाधिवक्ता से विधिक राय मिलते ही इस पर “तत्काल और न्यायसम्मत” निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस का कहना है कि अदालत द्वारा दोषसिद्ध ठहराए गए विधायक कंवरलाल को सदस्य बनाए रखना लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है। पार्टी का यह भी आरोप है कि सरकार इस मामले में जानबूझकर विलंब कर रही है ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “यह न केवल न्यायपालिका की गरिमा का सवाल है, बल्कि विधानसभा की साख का भी विषय है। जब किसी विधायक को अदालत दोषी ठहरा चुकी है, तब तक उसे सदस्य बनाए रखना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।” जूली ने यह भी चेताया कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो कांग्रेस राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कांग्रेस विधायकों को भरोसा दिलाया कि न्यायिक निर्णय का अध्ययन गंभीरता से किया जा रहा है और सदस्यता समाप्ति जैसे संवेदनशील विषय पर कोई भी निर्णय केवल विधि और संविधान के दायरे में रहकर ही लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के महाधिवक्ता से राय मांगी जा चुकी है और एक-दो दिन में वह प्राप्त होने की संभावना है।
विधानसभा समितियों में बदलाव को लेकर भी जताया विरोध
कांग्रेस विधायकों ने हाल ही में विधानसभा की समितियों में किए गए आंशिक संशोधन पर भी आपत्ति जताई। विशेष रूप से वरिष्ठ विधायक नरेन्द्र बुड़ानिया को हटाए जाने की खबरों पर नाराजगी जताई गई। जवाब में देवनानी ने स्पष्ट किया कि बुड़ानिया को हटाया नहीं गया है, बल्कि उन्हें पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति का सभापति नियुक्त किया गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण समिति है।
देवनानी ने कहा, “यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि केवल विपक्ष को निशाना बनाया गया है। तीन सत्ताधारी पक्ष के सभापतियों को भी बदला गया है। यह निर्णय पूर्णत: सदन के हित में और कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर लिया गया है।”
कांग्रेस का आरोप : सत्ता पक्ष कर रहा संस्थाओं का राजनीतिकरण
कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि मौजूदा सरकार और विधानसभा प्रशासन संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि समितियों में विपक्ष को कमजोर करना, दोषी विधायक को पद पर बनाए रखना, और महाधिवक्ता की राय की प्रतीक्षा के नाम पर देरी करना सत्ता पक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
देवनानी और कांग्रेस के बीच सकारात्मक संवाद
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष देवनानी और कांग्रेस विधायकों के बीच वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों ने विधानसभा की कार्यवाही, समितियों की बैठकों की नियमितता, प्रश्नकाल की जवाबदेही और विधायी प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखने पर विचार साझा किए। देवनानी ने सभी विधायकों से सहयोग की अपेक्षा जताई ताकि विधानसभा का संचालन गरिमामय और लोकतांत्रिक बना रहे।
कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष संतुलन बनाने की कोशिश में हैं। अब सबकी नजर महाधिवक्ता की विधिक राय पर टिकी है, जिसके आधार पर कंवरलाल की सदस्यता पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यदि यह निर्णय जल्द नहीं लिया गया, तो राज्य में राजनीतिक टकराव और तेज हो सकता है।
अगर आप चाहें तो इस लेख का अख़बार/वेबसाइट संस्करण भी तैयार किया जा सकता है जिसमें हेडलाइन, उपशीर्षक, बॉक्स आइटम, और कांग्रेसी नेताओं के बाइट शामिल हों।
About Author
You may also like
-
अमेरिका ने ईरान पर किया बड़ा हमला: तीन परमाणु ठिकाने तबाह…ट्रंप का राष्ट्र के नाम संबोधन
-
ईरान-इसराइल तनाव चरम पर, इस्फ़हान परमाणु ठिकाने पर हमला, वरिष्ठ ईरानी कमांडर मारा गया, भारत ने नेपाल-श्रीलंका नागरिकों की मदद का ऐलान किया
-
हिन्दुस्तान ज़िंक की शिक्षा संबल पहल : तालीम से तरक़्क़ी की राह—एक सुनहरी कोशिश
-
पीएम मोदी का राजद पर तीखा हमला : ‘हम बाबा साहब को दिल में रखते हैं, वे पांव में’…देश दुनिया की और भी खबरें यहां पढ़िए
-
किराने के सामान के भुगतान से लेकर स्मार्ट क्लासरूम तक, 20 वर्षों में लचीली इंटरनेट संरचना लचीले भारत की नींव : निक्सी