
जयपुर। राजधनी के हरमाड़ा इलाके में सोमवार दोपहर का वक्त बिल्कुल सामान्य था। ट्रैफिक रोज़ की तरह बह रहा था, लोहा मंडी के पास हाईवे 14 पर गाड़ियों की आवाजाही जारी थी। लोग अपने काम में व्यस्त थे, किसी को अंदाज़ा नहीं था कि अगले कुछ ही पल पूरे जयपुर को हिला देंगे। दोपहर करीब एक बजे अचानक एक तेज रफ्तार डंपर हाईवे पर दिखाई दिया। दूर से ही उसके हड़बड़ाए हुए मोड़ और अनियंत्रित झटके साफ बता रहे थे कि कुछ गड़बड़ है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डंपर के ब्रेक फेल हो चुके थे और ड्राइवर उसे रोकने में नाकाम था।
कुछ ही सेकंड में डंपर मौत की रफ्तार बनकर वाहनों पर टूट पड़ा। सबसे पहले उसने सामने चल रही एक कार को जोरदार टक्कर मारी। कार हवा में उछली और पलटकर दूसरी गाड़ी से जा भिड़ी। फिर डंपर ने दाएँ-बाएँ मुड़ते हुए मोटरसाइकिलों, कारों और ऑटो को कुचलना शुरू कर दिया। लोग चीखते हुए इधर-उधर भागे, लेकिन कई लोग संभलने का मौका भी नहीं पा सके। मात्र कुछ ही पलों में 17 गाड़ियाँ डंपर के पहियों के नीचे रौंद दी गईं। हाईवे पर गाड़ियों के पुर्ज़े बिखर गए, कई मोटरसाइकिलें इतनी बुरी तरह मरोड़ दी गईं कि उन्हें पहचानना मुश्किल था।
भीषण टक्कर की आवाज़ सुनते ही आसपास की दुकानों और मकानों से लोग बाहर भागकर आए। दृश्य इतना भयावह था कि कोई भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पा रहा था। कई शव सड़क पर पड़े थे, जबकि घायलों की कराहें माहौल को और भी दर्दनाक बना रही थीं। कुछ लोग वाहनों के अंदर फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने के लिए स्थानीय लोग, पुलिस और राहगीर मिलकर कोशिशें करते रहे। कई लोगों को कार की टूटी खिड़कियों और मुड़े हुए दरवाज़ों को तोड़कर बाहर निकाला गया।
घटना की सूचना मिलते ही एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं। घायलों को तत्काल एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर और कांवटिया अस्पताल ले जाया गया। एसएमएस अस्पताल में अचानक बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रबंधन ने इमरजेंसी प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिया। अतिरिक्त डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और ट्रॉमा टीमों को बुलाकर घायलों के इलाज में लगाया गया। कई घायलों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
दुर्घटना के बाद यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिस ने हाईवे पर ट्रैफिक को रोककर वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया। क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाने में काफी समय लगा। पुलिस ने मौके पर ही शवों को कब्जे में लेकर उन्हें कांवटिया अस्पताल के शवगृह भेजा, जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ बेहद दर्दनाक होती हैं और तेज रफ्तार तथा लापरवाही के कारण निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। उन्होंने लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए अधिकारियों को घायलों को हर संभव और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
हरमाड़ा का यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि जिंदगी और मौत के बीच हुई दिल दहला देने वाली जंग है। पल भर में कई परिवार उजड़ गए, कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया और कई घरों में चूल्हा ठंडा पड़ गया। हाईवे पर शाम तक भी लोगों के मन में वही सवाल गूंजता रहा—आखिर कब तक ऐसी बेपरवाह रफ्तार निर्दोष ज़िंदगियों को निगलती रहेगी?
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