Saurabh

शिल्पग्राम में ‘ऋतु बसंत’ उत्सव : वायलिन और संतूर की संगत और सौरभ की गायकी ने शाम बनाई सुरमई

–संतूर-वायलिन के साथ तबले की खूबसूरत संगत ने जुगलबंदी को बनाया तिगुलबंदी– संतूर पर मजूमदार,