
उदयपुर। शहर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और नगर निगम की लापरवाही ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। शहर के विभिन्न हिस्सों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग ने फोगिंग शुरू करवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
नगर निगम के पास फोगिंग के लिए दो मशीनें हैं, लेकिन इनमें से एक मशीन खराब हालत में पड़ी है। जब नगर निगम के गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी से इस बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि फोगिंग के लिए एक्सपर्ट टीम का इंतजार किया जा रहा है, जिसे प्रशासन द्वारा भेजा जाना है। प्रशासन ने अब तक कोई निर्देश नहीं दिए हैं, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।
यह सवाल भी उठता है कि अगर दोनों मशीनें सही हालत में होतीं, तो क्या वे शहर की पांच लाख से अधिक आबादी को डेंगू से बचाने के लिए पर्याप्त होतीं? लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर पानी भरा हुआ है, और खुले पड़े नाले बीमारी को फैलने के लिए आमंत्रण दे रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की यह बेरुखी और नगर निगम की सुस्ती साफ तौर पर प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है। जब शहर की जनता डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है, तो क्या यह उचित नहीं होता कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम पहले से तैयार रहते? यह लापरवाही कहीं न कहीं प्रशासन की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़ा करती है।
अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या और साफ-सफाई की बदतर हालत के बावजूद प्रशासन की चुप्पी बेहद चिंताजनक है। क्या प्रशासन को किसी बड़ी घटना का इंतजार है, या फिर वे जनता के स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से उदासीन हो चुके हैं? ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तुरंत जागना चाहिए और डेंगू पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि इस महामारी को रोका जा सके।
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