
उदयपुर। यूसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और उद्योगपति कोमल कोठारी ने आज विद्या भवन पॉलिटेक्निक सभागार में आयोजित एआई और पर्यावरण विषयक सेमिनार में कहा कि “प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, सेवा भाव और नागरिक दायित्व” से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सकता है।
कोठारी ने उद्योग की औद्योगिक उत्पादन में निरंतर वृद्धि पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए बड़े पैमाने पर ऑटोमेशन और एआई जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन, उन्होंने चेतावनी दी कि इन तकनीकों का उपयोग पानी, मिट्टी, हवा और जन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव नहीं डालना चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वे सर्कुलर इकोनॉमी पर ध्यान केंद्रित करें और ऊर्जा खपत तथा अपशिष्ट निकासी को न्यूनतम करने के लिए कार्य करें।
इस संगोष्ठी का आयोजन पॉलिटेक्निक पूर्व विद्यार्थी संस्था, सक्षम संस्थान, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि इको क्लब, और आई ई आई व आई एस टी ई स्टूडेंट चैप्टर्स ने मिलकर किया था।
अभियंता दिवस समारोह की श्रृंखला में मुख्य अतिथि, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता एस एल जैन ने कहा कि “आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाना एक अच्छे इंजीनियर की संतोष और प्रगति है।” उन्होंने तकनीकीविदों से आग्रह किया कि वे सभी परियोजनाओं को प्रकृति के प्रति गहरी जिम्मेदारी के भाव से क्रियान्वित करें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक नवीन व्यास ने बताया कि विशेष प्रयासों से उदयपुर में पीएम 5 और पीएम 10 की मात्रा में कमी आई है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने उदयपुर को पुरस्कार प्रदान किया है। उन्होंने साइकिल प्रयोग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे वायु गुणवत्ता में और सुधार किया जा सके।
संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता, पूर्व विद्यार्थी संस्था के उपाध्यक्ष जय प्रकाश श्रीमाली, सचिव भुवन आमेटा, और विद्यार्थियों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम का संयोजन नैंसी और भव्या ने किया।
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